धान में जोरों पर है यूरिया का इस्तेमाल

गन्ने की फसल में तो यूरिया का प्रयोग हो चुका है लेकिन धान में भी इस्तेमाल खूब हो रहा है। पिछले साल तो काफी किल्लत रही थी लेकिन इस बार स्थिति सामान्य है। दावा है कि आगे भी उर्वरकों की कमी नहीं होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:51 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:51 PM (IST)
धान में जोरों पर है यूरिया का इस्तेमाल
धान में जोरों पर है यूरिया का इस्तेमाल

शामली, जागरण टीम।

गन्ने की फसल में तो यूरिया का प्रयोग हो चुका है, लेकिन धान में भी इस्तेमाल खूब हो रहा है। पिछले साल तो काफी किल्लत रही थी, लेकिन इस बार स्थिति सामान्य है। दावा है कि आगे भी उर्वरकों की कमी नहीं होगी।

जिले में 29 सहकारी समिति है और गन्ना समितियों के 17 खाद गोदाम हैं। यूरिया 1674, डीएपी 1536, एनपीके 923 मीट्रिक टन उपलब्ध है। कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि गन्ने की फसल में बढ़वार चल रही है। यूरिया 20 से 25 किलोग्राम प्रति बीघा लगाया जाता है। संपूर्ण इस्तेमाल हो चुका है। फिलहाल कुछ किसान एनपीके और सूक्ष्म पोशक तत्वों का छिड़काव ही करेंगे। धान में रोपाई के 20 से 25 दिन बाद यूरिया डाला जाता है।

इसके करीब 20 दिन बाद फिर से यूरिया डाला जाता है। ऐसे में विलंब से उक्त फसल में यूरिया का इस्तेमाल चल रहा है। काफी किसान धान की पछेती रोपाई भी कर रहे हैं, जिसमें डीएपी का प्रयोग होता है।

सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक राजवीर सिंह ने बताया कि उर्वरकों की जिले में कोई कमी इस बार नहीं हुई है। धान में यूरिया के प्रयोग का वक्त है। एक तो काफी किसानों उर्वरक ले जा चुके हैं और वैसे भी बहुत अधिक रकबा धान का नहीं होता है। ऐसे में उम्मीद है कि आगे भी कोई समस्या नहीं आने वाली है। किसी किसान को एक साथ बहुत अधिक मात्रा में उवर्रक नहीं दिया गया है। अगर किसी ने मांग भी की तो देखा गया कि कृषि भूमि एवं फसल का क्षेत्रफल कितना है।

जिला कृषि अधिकारी हरीशंकर ने बताया कि उर्वरक सभी बिक्री केंद्रों पर है। समय-समय पर केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाता है।

----

बफर गोदाम से नहीं आ सका यूरिया

चौसाना: साधन सहकारी समिति बल्लामाजरा में यूरिया शुक्रवार को खत्म हो गया था। हालांकि डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। समिति के कैडर सचिव देवेंद्र कुमार ने बताया कि यूरिया की खपत अब कम ही है। रविवार को अवकाश रहेगा और सोमवार को बफर गोदाम जसाला से यूरिया आ जाएगा। कमी कोई नहीं है। अब इक्का-दुक्का आते हैं किसान

शामली में सहकारी गन्ना विकास समिति परिसर में उर्वरक गोदाम भी है। यहां पर यूरिया, डीएपी, एनपीके सभी उर्वरक हैं, लेकिन अब उठान बहुत अधिक नहीं है। गोदाम प्रभारी संजय सैनी ने बताया कि जरूरत के हिसाब से किसान उर्वरक ले जा चुके हैं। अब तो दिनभर में एक-दो किसान ही आते हैं।

chat bot
आपका साथी