जानलेवा हमले में दो भाइयों को दस-दस वर्ष की सजा

जानलेवा हमले के 15 वर्ष पुराने एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने पीड़ित के दो सगे भाइयों को दोषी ठहराया है। उन्हें दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व छह-छह हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:14 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:14 PM (IST)
जानलेवा हमले में दो भाइयों को दस-दस वर्ष की सजा
जानलेवा हमले में दो भाइयों को दस-दस वर्ष की सजा

शामली, जागरण टीम। जानलेवा हमले के 15 वर्ष पुराने एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने पीड़ित के दो सगे भाइयों को दोषी ठहराया है। उन्हें दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व छह-छह हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतेंद्र धीरयान ने जानकारी दी कि गांव खेड़ी खुशनाम निवासी ईश्वर सिंह ने झिझाना थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था कि दो नवंबर 2005 को उसका भाई हेम सिंह गांव लावा दाऊदपुर से अपने गांव लौट रहा था। इसी दौरान उसके चचेरे भाई महक सिंह व सुरेश पुत्रगण शिवचरण निवासीगण गांव खेड़ी खुशनाम ने उसके भाई को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया था। इस केस की सुनवाई कैराना स्थित अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार के न्यायालय में हुई। बुधवार को न्यायालय ने मामले में दोनों आरोपित महक सिंह व सुरेश को दोषी ठहराया। दोनों को आइपीसी की धारा 307 व 34 के अपराध में दस-दस वर्ष का कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं आइपीसी की धारा 506 के अपराध में दो-दो वर्ष का कठोर कारावास व एक-एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। पूर्व में आरोपितों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी। वहीं, न्यायालय ने महक सिंह को आ‌र्म्स एक्ट की धारा 25 में दोषमुक्त कर दिया। दूसरी ओर, सजा सुनाए जाने के बाद न्यायालय ने दोनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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