मंत्री ने बनवाया डिपो, अफसरों ने बस स्टेशन भी कर दिया ठप
जिले में बसों की किल्लत व लंबी दूरी की बसों की समस्या को दूर कराने के लिए प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने जलालाबाद को डिपो बनवाकर यहां संचालन शुरू कराया था। वहीं यहां अस्थाई वर्कशाप भी बनाई गई थी ताकि बसों की मरम्मत का कार्य भी हो सके।
शामली, जागरण टीम। जिले में बसों की किल्लत व लंबी दूरी की बसों की समस्या को दूर कराने के लिए प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने जलालाबाद को डिपो बनवाकर यहां संचालन शुरू कराया था। वहीं, यहां अस्थाई वर्कशाप भी बनाई गई थी, ताकि बसों की मरम्मत का कार्य भी हो सके। डिपो से 40 बसों का संचालन शुरू कराया गया। यहां से देहरादून, दिल्ली, शामली, गंगोह, मुजफ्फरनगर, मेरठ, करनाल, पानीपत व हरिद्वार समेत विभिन्न जिलों व प्रदेशों के लिए बसों का संचालन शुरू हो गया। वहीं, लाकल रूटों पर भी बसों के संचालन से काफी राहत मिली थी, लेकिन कुछ महीनों पहले थानाभवन में रोडवेज की एक बस से दुर्घटना हुई तो अफसरों की पोल खुल गई।
दरअसल, जांच में पाया गया कि जलालाबाद डिपो कागजों में कहीं था ही नहीं। अफसरों ने फर्जी तरीके से डिपो का संचालन कर दिया था। ऐसे में तत्कालीन आरएम ने डिपो बंद करा दिया और बसों व वर्कशाप का सामान भी सहारनपुर वापस मंगा लिया। इसके बाद अब फिर से जलालाबाद बस स्टेशन वीरान हो गया है। बस स्टेशन पर यहां कहने को तो एक निगम का कर्मचारी तैनात है, लेकिन कभी कभार ही इनके दर्शन होते हैं। बस चालक भी बस अड्डे पर बिना बस रोके ही निकल जाते हैं। यहां औपचारिकता पूरी करने के लिए हाइवे पर बस स्टेशन के बाहर ही चालकों के लिए एंट्री रजिस्टर भी रखा गया है, लेकिन चालकों की हठधर्मिता के चलते यह महज खानापूर्ति ही होती है। दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाओं और आम यात्रियों को यहां बस पकड़ने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। हालांकि साल 2015 में बसे स्टेशन के अंदर से होकर गुजरती थी। इससे आराम से यात्री बस में बैठ सकते थे।