गांव जहानपुरा में दूसरे दिन भी पसरा रहा सन्नाटा
चित्रकूट जेल में मारे गए कुख्यात बदमाश मुकीम काला का शव उसके पैतृक गांव जहानपुरा में शनिवार शाम तक नहीं पहुंच सका। मुकीम की मां और मामा चित्रकूट से शव लेकर निकल चुके हैं। स्वजन का कहना है कि जहानपुर नहीं बल्कि हरियाणा में मुकीम के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
जेएनएन, शामली। चित्रकूट जेल में मारे गए कुख्यात बदमाश मुकीम काला का शव उसके पैतृक गांव जहानपुरा में शनिवार शाम तक नहीं पहुंच सका। मुकीम की मां और मामा चित्रकूट से शव लेकर निकल चुके हैं। स्वजन का कहना है कि जहानपुर नहीं, बल्कि हरियाणा में मुकीम के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। उधर, शुक्रवार को मुकीम की हत्या की खबर आने के बाद ग्रामीणों ने खंडहर बन चुके उसके घर की सफाई भी कर दी थी।
शुक्रवार को चित्रकूट जेल में मुकीम काला की हत्या के बाद उसके गांव में सन्नाटा पसर गया था। हालांकि मुकीम काला का परिवार गांव में नहीं रहता है। कुछ ग्रामीणों ने खंडहर में तब्दील होते जा रहे उसके घर की साफ-सफाई भी कर दी थी। कयास यह लगाए जा रहे थे कि मुकीम काला के शव को गांव में ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। शनिवार को शाम तक भी मुकीम का शव गांव में नहीं पहुंचा। यहां उसके परिवार के सदस्य भी नहीं आए हैं। पोस्टमार्टम के बाद मुकीम के शव को चित्रकूट में उसके स्वजनों को सौंपा गया है। स्वजन का यह भी कहना है कि मुकीम काला का शव हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली क्षेत्र के गांव अधमी में ले जाया जाएगा। यहां उसके मामा रहते हैं। कुछ साल पहले पुलिस का दबाव पड़ने पर मुकीम काला के स्वजन गांव छोड़कर बस गए थे। सिपाही के स्वजनों में मचा कोहराम
थानाभवन। पीलीभीत में पुलिस में तैनात सिपाही जितेंद्र की मौत से पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। परिवार सहित गांव में शोक छाया है। जितेंद्र बेहद मिलनसार थे।
थानाभवन के गांव उस्मानपुर निवासी सिपाही जितेंद्र कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली घटना से परिजनों में कोहराम मचा है ।
बताया गया कि जितेंद्र कुमार पुत्र सत्ता निवासी गांव उस्मानपुर कुछ दिनों से परेशान बताए जा रहे थे, जितेंद्र के पिता सत्ता का कहना है कि जितेंद्र सात भाई बहन है। तीन भाइयों में जितेंद्र ही सरकारी नौकरी पर है जबकि दो भाई चिनाई मिस्त्री का काम करते हैं। जितेंद्र की शादी 5 वर्ष पूर्व फुगाना के गांव खरड़ में हुई थी। उसका एक 3 वर्ष का बच्चा भी है। फेसबुक लाइव पर रोते हुए खुद को नौकरी से परेशान बताते हुए उसने निजी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उनकी तैनाती डायल 112 पर बिलसंडा पीलीभीत में चल रही थी। फेसबुक पर बयान डालने से ऐसा लग रहा है कि वह मानसिक तनाव में था। उनकी पत्नी सरिता भी बिलसंडा थाने में सिपाही हैं। जितेंद्र की मौत से पूरा परिवार शोक में है। उधर, गांव वालों का कहना था कि जितेंद्र बेहद मिलनसार थे। परिवार के कुछ लोग उनकी तैनाती स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।