ग्राम पंचायत के स्टे की आड़ लिए हैं रिकवरी के आरोपित

भ्रष्टाचार की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं जनपद के अधिकारी। मनरेगा के काम में घालमेल पकड़ा गया तो जबरन गांव पंचायत के नाम रिकवरी निकाल दी। ग्राम पंचायत ने हाईकोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने ग्राम पंचायत से रिकवरी पर रोक लगा दी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:30 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:30 PM (IST)
ग्राम पंचायत के स्टे की आड़ लिए हैं रिकवरी के आरोपित
ग्राम पंचायत के स्टे की आड़ लिए हैं रिकवरी के आरोपित

जेएनएन, शामली। भ्रष्टाचार की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं जनपद के अधिकारी। मनरेगा के काम में घालमेल पकड़ा गया तो जबरन गांव पंचायत के नाम रिकवरी निकाल दी। ग्राम पंचायत ने हाईकोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने ग्राम पंचायत से रिकवरी पर रोक लगा दी। रिकवरी के सभी आरोपितों ने ग्राम पंचायत को मिले स्टे को ही अपने पक्ष में मिला स्टे बता दिया। हैरत की बात यह है कि रिकवरी के आदेश के बावजूद आला अधिकारियों ने मामले में खामोशी साध ली। अब अधिकारी कह रहे हैं कि पत्रावली की जांच की जाएगी और सभी आरोपितों से रिकवरी सुनिश्चित की जाएगी।

वर्ष 2018 में थानाभवन ब्लाक के जलालाबाद देहात गांव में मनरेगा से 5.7 लाख रुपये चारागाह की जमीन पर पशुओं के लिए तालाब बनाया गया। इस काम में पहले दिन से ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया। इस तालाब की खोदाई ग्राम पंचायत के खाते से नहीं करके क्षेत्र पंचायत के खाते से कराई गई। इस मामले की भनक लगते ही ग्राम पंचायत ने निर्माण पर सख्त आपत्ति जाहिर करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की। जब मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने मामले की जांच कराई। जांच में भ्रष्टाचार पकड़ में आ गया तो यहां भी अफसरों ने बड़ा खेल कर दिया। अफसरों ने आपत्ति जताने वाली ग्राम पंचायत पर ही रिकवरी निकाल दी। जबरन रिकवरी के मामले में फंसाने पर ग्राम पंचायत हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत को रिकवरी पर स्टे दे दिया। हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कहा। यहां पर अफसरों ने फिर खेल कर दिया। रिकवरी पर स्टे मिला ग्राम पंचायत को और रिकवरी के सभी आरोपितों ने उसी स्टे को अपने पक्ष में भी घोषित कर दिया। आला अधिकारियों ने शेष आरोपितों से रिकवरी ही नहीं की। मामले में पूछताछ हुई तो अब नई परतें खुल रही हैं। बीडीओ थानाभवन पंकज कुमार ने भी ग्राम पंचायत के पक्ष में ही स्टे मिलने की बात कही है।

---------------------

आरोपितों को दिया जा रहा है क्षमादान

यह पूरा मामला आला अफसरों के संज्ञान में है। आरोपितों ने पहले दिन से ही इस मामले में घालमेल किया। जांच में घालमेल की पुष्टि हो गई। रिकवरी के आदेश भी हो गए। इसके बाद अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब अफसर कह रहे हैं कि पत्रावली देखकर कार्रवाई की जाएगी। नाइनंगला में तालाब की सफाई में लाखों का गबन

जागरण संवाददाता, शामली : ऊन ब्लाक के नाइनंगला निवासी मोहित कुमार ने मुख्यमंत्री, डीएम और तहसील दिवस के प्रभारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि गांव में तालाब की सफाई के नाम पर लाखों रुपये का घालमेल किया गया है। उनका आरोप है कि उन्होंने 25वीं बार शपथ पत्र देकर शिकायत की, लेकिन अधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे हैं। पत्र में आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत सचिव विपिन कुमार और तत्कालीन गांव प्रधान ने यह घालमेल किया है। उन्होंने साक्ष्य के साथ शिकायत की, लेकिन अधिकारी इस मामले के आरोपितों को बचाने में जुटे हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे लोकायुक्त को शिकायत करेंगे। इस मामले में पंचायत सचिव का कहना है कि मामले की जांच भी हो गई है। मौके पर सभी काम मिले।

chat bot
आपका साथी