मोबाइल फोन बच्चों को बना रहा गंभीर बीमारी का शिकार

बढ़ते संक्रमण के बीच स्कूल-कालेज बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई आनलाइन चल रही है लेकिन अब बच्चों ने मोबाइल फोन से बुरी लत पकड़ ली है। आनलाइन क्लास के बहाने बच्चे मोबाइल फोन में इंटरनेट के भारी गेम खेल रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:11 PM (IST)
मोबाइल फोन बच्चों को बना रहा गंभीर बीमारी का शिकार
मोबाइल फोन बच्चों को बना रहा गंभीर बीमारी का शिकार

जेएनएन, शामली। बढ़ते संक्रमण के बीच स्कूल-कालेज बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई आनलाइन चल रही है, लेकिन अब बच्चों ने मोबाइल फोन से बुरी लत पकड़ ली है। आनलाइन क्लास के बहाने बच्चे मोबाइल फोन में इंटरनेट के भारी गेम खेल रहे है। जिससे न केवल उनकी आंखों पर असर पढ़ रहा है। बल्कि बच्चे तनाव में जा रहे है। यदि ऐसे ही गेम की लत लग गई तो आपके बच्चे गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। बच्चों में मुख्य लक्षण जिद्दी और चिड़चिड़ापन देखने को मिल रहा है। ऐसे कई मामले मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं।

पिछले कई महीनों से बच्चे घर में है। ऐसे में उनका मोबाइल ही उनका साथी बन गया है, लेकिन युवा सुबह से शाम और देर रात तक मोबाइल फोन का प्रयोग इंटरनेट पर हेवी गेम, रिल्स बनाना, सीरीज देखने को ज्यादा समय दे रहे हैं। चूंकि शासन के आदेश पर आनलाइन कक्षा भी फिलहाल बंद कर दी गई है। ऐसे में पूरे दिन को काटने के लिए बच्चों के पास मोबाइल फोन ही बचा है, लेकिन ज्यादा मोबाइल फोन का प्रयोग करने से बच्चे गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। जिसमें तनाव, जिद्दी, चिड़चिड़ापन और परिवार के लोगों से सही से बात न करना आदि लक्षण दिखाई दे रहे हैं। परिवार के किसी सदस्य द्वारा बच्चे से मोबाइल फोन लेने पर बच्चे खाना न खाना, घर में किसी से बात न करना आदि लक्षण भी बच्चों में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अभिभावक मनोचिकित्सक के बातचीत करते हुए सलाह ले रहे हैं। मोबाइल फोन की इस गंभीर बीमारी बच्चा यह तय नहीं कर पाता कि वह कितना समय डिजिटल या मोबाइल गेम खेलकर बिताए। ----

गंभीर बीमारी के मुख्य लक्षण

-दिन-रात गेम खेलने की आदत

-केवल गेम और मोबाइल फोन को ही प्राथमिकता देना।

-परिवार को समय न देना व खुद के निजी जीवन पर भी गेम हावी रहता है।

-चिड़चिड़ापन और उग्रता बढ़ जाती है।

-मोबाइल फोन न मिलने पर जिद्दी बनना, खाना न खाना इन्होंने कहा..

बढ़ते संक्रमण के बीच घर में रह रहे युवाओं ने मोबाइल को साथी बना लिया है। पूरे दिन और देर रात तक भी मोबाइल फोन का प्रयोग किया जा रहा है। लाकडाउन के दौरान बच्चे मोबाइल गेम्स के लती हो रहे हैं। बच्चे ही नहीं युवा भी प्रभावित हैं। ऐसे में बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें। बहुत कम समय के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने दें। खासकर रात के समय बच्चों को मोबाइल फोन न दें। बच्चों के साथ बैठकर लूडो, कैरम खेल सकते हैं। अन्य किसी कार्य में बच्चों के साथ समय बिता सकते हैं।

डा. अरुण कुमार राय, मनोचिकित्सक शामली

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