एसएमएस से आएगी गन्ना पर्ची, नंबर की कर लें जांच
गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर के अंतिम या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा। चीनी मिलों से लेकर गन्ना विभाग भी तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार कागज की पर्ची किसानों को नहीं मिलेगी। एसएमएस से ही पर्ची भेजी जाएगी। इससे कोरोना से बचाव भी होगा और कागज की भी बचत होगी।
शामली, जेएनएन। गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर के अंतिम या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा। चीनी मिलों से लेकर गन्ना विभाग भी तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार कागज की पर्ची किसानों को नहीं मिलेगी। एसएमएस से ही पर्ची भेजी जाएगी। इससे कोरोना से बचाव भी होगा और कागज की भी बचत होगी। जिला गन्ना अधिकारी का कहना है कि किसान समय रहते गन्ना विभाग में दिए मोबाइल नंबर की जांच कर लें। जिन्होंने नंबर नहीं दर्ज कराया है, वह भी अपना नंबर दर्ज करा लें।
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एसएमएस इनबाक्स खाली रखें
किसान पेराई सत्र के दौरान मोबाइल का इनबाक्स खाली रखें। अगर इनबाक्स भरा रहेगा तो पर्ची का एसएमएस नहीं मिलेगा या देर से प्राप्त होगा। ऐसे में किसानों को परेशानी हो सकती है।
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ये होगा फायदा
कागज वाली पर्ची कई बार किसानों को नहीं मिल पाती थी। पर्ची वितरक गांवों में लेकर जाते थे। व्यवस्था तो घर-घर पर्ची पहुंचाने की होती थी। लेकिन वितरक गांव में एक-दो व्यक्ति के यहां सभी पर्ची दे आते थे। ऐसे में पर्ची गुम हो जाती थी और किसानों को हलकान होना पड़ता था। अब पर्ची का एसएमएस आएगा तो यह परेशानी नहीं रहेगी। वहीं, ये भी होता था कि कोई किसान परिचित किसान की पर्ची बिना बताए ले लेता था। गन्ना डालने के बाद किसान को बताता था।
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सट्टा प्रदर्शन मेला 29 से
शामली, ऊन और थानाभवन सहकारी गन्ना विकास समिति में सट्टा प्रदर्शन मेला सितंबर से शुरू होगा और आठ अक्टूबर तक चलेगा। दो और चार अक्टूबर को मेला नहीं होगा। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि प्राथमिक (कच्चे) कैलेंडर का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों से अपील है कि अगर सट्टे यानी बांड में किसी प्रकार की कोई दिक्कत है तो वह मेले में आएं और मिलान कर ठीक करा लें। मेले के बाद सट्टों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और फिर कोई परिवर्तन नहीं होगा। मेले का वक्त सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक का रखा है और कोरोना से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरती जाएगी। पेराई शुरू होने से करीब सात दिन पहले ही किसानों को पक्के कैलेंडर दे दिए जाएंगे।
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इन्होंने कहा..
जिले में 1.07 लाख से अधिक गन्ना किसान हैं। अधिकांश के मोबाइल नंबर विभाग के पास हैं। कुछ किसानों के नंबर नहीं हैं, लेकिन उनके नंबर भी जल्द लेकर सिस्टम में अपडेट कर दिए जाएंगे। कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए एसएमएस पर्ची का सिस्टम रहेगा। क्योंकि कागज की पर्ची का वितरण होगा तो संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा। किसानों को भी फायदा होगा और कागज की बचत भी होगी।
-विजय बहादुर सिंह, जिला गन्ना अधिकारी शामली