गन्ने का नहीं हुआ भुगतान, कैसे भरें स्कूल की फीस

एक ओर महामारी और दूसरा गन्ने का भुगतान लाकडाउन में छूटी लोगों की नौकरी के कारण स्कूलों की फीस देने में किसान एवं आम आदमी परेशान है। स्कूलों द्वारा लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:39 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:39 PM (IST)
गन्ने का नहीं हुआ भुगतान, कैसे भरें स्कूल की फीस
गन्ने का नहीं हुआ भुगतान, कैसे भरें स्कूल की फीस

शामली, जागरण टीम। एक ओर महामारी और दूसरा गन्ने का भुगतान, लाकडाउन में छूटी लोगों की नौकरी के कारण स्कूलों की फीस देने में किसान एवं आम आदमी परेशान है। स्कूलों द्वारा लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

देहात क्षेत्र के किसानों का तो कहना है कि अभी गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है, फीस क्या खाने के लिए भी गुजारा करना पड़ रहा है। हालांकि स्कूल प्रबंधन की मांग भी गलत नहीं कही जा सकती है। स्कूल के चपरासी से लेकर शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य तक को वेतन भी प्रतिमाह देना होता है।

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के शासन के आदेश पर स्कूल, कालेज बंद पड़े है। बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए स्कूलों द्वारा आनलाइन पढ़ाया जा रहा है। पिछले एक माह से तो स्कूल की ओर से कोई संदेश नहीं दिया जा रहा था, लेकिन अब रोजाना दिन निकलने के साथ से और शाम होने तक स्कूलों के फीस वाले फोन अभिभावकों के पास पहुंच रहे हैं। जिस कारण क्षेत्र के किसान, मजदूर और आम आदमी बहुत परेशान है। स्कूलों के फीस जमा करने के लिए आजकल-आजकल का वादा किया जा रहा है, लेकिन पैसे ना होने के कारण फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। चूंकि क्षेत्र के किसानों के सामने गन्ना भुगतान न होने के कारण पैसा नहीं है। आम आदमी का पैसा लाकडाउन में खत्म हो गया है। ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों के सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई है। स्कूल प्रबंधन की मांग भी गलत नहीं कही जा सकती, क्योंकि शिक्षकों का वेतन भी देना होता है। फीस का दबाव न बनाने की मांग प्रशासन से भी क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के द्वारा ज्ञापन देकर रखी गई है। क्षेत्र के गांव काबडौत निवासी अनिल मलिक ने बताया कि पीछले कई दिनों से स्कूल के फीस मांगने को लेकर फोन आ रहा है, लेकिन गन्ना भुगतान न होने के कारण बच्चों की फीस जमा नहीं कर पा रहे है। शामली के मोहल्ला काका नगर निवासी मदन का कहना है कि लाकडाउन के चलते कामकाज ठप सा हो गया है। पैसा न होने के कारण स्कूल की फीस जमा नही कर पा रहे है। स्कूलों प्रबंधक रोजाना फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

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