लक्षण आते ही शुरू कर दें दवा
चिकित्सक डा. रीतिनाथ शुक्ला का कहना है कि सतर्कता बरतेंगे तो कोरोना संक्रमण को भी हम गंभीर होने से पहले ही शिकस्त दे देंगे। पहले सात-आठ दिन प्रारंभिक अवस्था होती है। अगर गले में हल्की खराश शरीर में थोड़ी कमजोरी महसूस होना हल्का बुखार जैसे लक्षण भी हैं तो बिना देर किए कोरोना किट की दवा लेना शुरू कर दें। स्वास्थ्य विभाग से किट आसानी से उपलब्ध है।
शामली, जागरण टीम। चिकित्सक डा. रीतिनाथ शुक्ला का कहना है कि सतर्कता बरतेंगे तो कोरोना संक्रमण को भी हम गंभीर होने से पहले ही शिकस्त दे देंगे। पहले सात-आठ दिन प्रारंभिक अवस्था होती है। अगर गले में हल्की खराश, शरीर में थोड़ी कमजोरी महसूस होना, हल्का बुखार जैसे लक्षण भी हैं तो बिना देर किए कोरोना किट की दवा लेना शुरू कर दें। स्वास्थ्य विभाग से किट आसानी से उपलब्ध है।
उनका कहना है कि पांच से सात दिन दवा खाने के बाद संक्रमण की गंभीरता का खतरा बेहद कम हो जाता है। अगर लापरवाही करते हैं तो हालत बिगड़ने का खतरा होता है। साथ ही ऐसी स्थिति में दी जाने वाली दवा-इंजेक्शन के दुष्प्रभाव भी होते हैं। इसलिए यह न समझें कि मौसम के बदलाव के कारण तबीयत थोड़ी नासाज हुई है। मौसम में बार-बार बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। एसी का प्रयोग न करें, ठंडी चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें। खानपान का ध्यान रखें। भोजन में अनाज की मात्रा को कम कर दें। फल-हरी सब्जियों का सेवन बढ़ा दें। फल-हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और एंटी आक्सीडेंट मिलते हैं। रोजाना योग-व्यायाम भी करें। साथ ही तनाव बिल्कुल न लें और खुश रहने का प्रयास करें। बाहर जाएं तो डबल मास्क लगाएं। दही-मट्ठे का सेवन दोपहर के समय करें, लेकिन अगर नजला-खांसी है तो न करें। संतुलित मात्रा में काढ़े का सेवन भी कर सकते हैं।
पी-1: कोरोना को हरा काम पर लौटे डा. हांडा
जागरण संवाददाता, शामली : स्वास्थ्य विभाग में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) हूं और कोरोना काल में रेपिड रेस्पांस टीम के नोडल अधिकारी के रूप में काम कर रहा हूं। बुखार आने पर कोरोना की जांच कराई थी और गत 23 अप्रैल को आई रिपोर्ट पाजिटिव थी। मैंने घर में आइसोलेट रहते हुए कोरोना को शिकस्त दी है।
शुगर की बीमारी पहले से है। ऐसे में पूरी सावधानी के साथ काम कर रहा था। दवा नियमित रूप से लेता था। कोई चूक अनजाने में हो गई होगी और संक्रमित हो गया। तीन मई को दोबारा से जांच कराई थी और रिपोर्ट फिर से पाजिटिव थी। लेकिन धैर्य रखा और 11 मई को रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। इसके बाद ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। आइसोलेट रहने के दौरान घर से विभागीय काम देखता था।
कुछ समय बचता था तो टीवी देखता था। तरबूज, संतरा व कीवी आदि फलों का सेवन किया। दवा समय से लेता रहा। शुगर का स्तर नियंत्रण में रहा। आक्सीजन स्तर भी दिन में कम से कम दो बार चेक किया और स्तर बिल्कुल ठीक रहा। सुबह के वक्त अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि प्राणायाम भी करता रहा। खुद को व्यस्त रखने का प्रयास किया। सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को हराने में कामयाब रहा। अगर संक्रमित होते हैं तो परेशान न हों और खुद को व्यस्त रखने का ही प्रयास करें। चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवा लेते रहें।
-डा. अशोक कुमार हांडा, एसीएमओ, शामली