हर गांव में होगा ठोस-तरल अपशिष्ट का निस्तारण

ठोस और तरल अपशिष्ट का निस्तारण अब हर गांव में होगा। हर घर में ही रिसाइकिल किए जाने योग्य एवं रिसाइकिल नहीं किए जाने वाले कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। इसके बाद इस कचरे से खाद बनाया जाएगा और प्लास्टिक पानी कांच और लोहे को एकत्र करके बिक्री की जाएगी। इस योजना का क्रियान्वयन जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के नेतृत्व में गांव पंचायत करेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:15 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:15 PM (IST)
हर गांव में होगा ठोस-तरल अपशिष्ट का निस्तारण
हर गांव में होगा ठोस-तरल अपशिष्ट का निस्तारण

शामली, जागरण टीम। ठोस और तरल अपशिष्ट का निस्तारण अब हर गांव में होगा। हर घर में ही रिसाइकिल किए जाने योग्य एवं रिसाइकिल नहीं किए जाने वाले कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। इसके बाद इस कचरे से खाद बनाया जाएगा और प्लास्टिक, पानी, कांच और लोहे को एकत्र करके बिक्री की जाएगी। इस योजना का क्रियान्वयन जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के नेतृत्व में गांव पंचायत करेंगी।

जिला पंचायत राज अधिकारी नंदलाल ने बताया कि कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें बड़े पैमानें पर अभियान चला रही हैं। अभी तक यह अभियान शहरी क्षेत्रों में चल रहा था, लेकिन अब गांवों में हर घर में अभियान चलेगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के नाम से संचालित योजना के तहत ठोस अपशिष्ट को दो भागों में बांटा गया है। रसोईघर में निकलने वाला कचरा, बचा हुआ खाना, फल-सब्जियों के छिलके और अवशेष, गोबर, पेड़-पौधों की पत्ती को गलने वाले कचरे की श्रेणी में रखा गया है। प्लास्टिक, थर्माकोल, लोहा व कांच को नहीं गलने वाले कचरे की श्रेणी में रखा गया है। नहीं गलने वाले कचरे को ग्राम पंचायत या फिर क्षेत्र पंचायत स्तर पर एकत्र करके बेचने की व्यवस्था की जाएगी। गलने वाले कचरे को छोटे-छोटे गड्ढ़ों के माध्यम से खाद में तब्दील किया जाएगा और इसका प्रयोग किसान अपने खेतों में तथा किचन गार्डन में कर सकते हैं।

कचरे को हर घर में ही अलग करने के लिए ग्रामीणों को हरे एवं नीले डस्टबिन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि निस्तारण में आसानी हो। तरल अपशिष्ट को भी ब्लैक वाटर और ग्रे वाटर में विभाजित किया गया है। ब्लैक वाटर को सोपपिट के माध्यम से जमीन में भेजा जाएगा। ग्रेट वाटर को दोबारा संशोधित कर सिचाई या फिर बाग-बगीचों की सिचाई में प्रयोग किया जाएगा। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जिले को नौ करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है।

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इनका कहना है

तरल एवं ठोस कचरा निस्तारण के लिए योजना बनाई जाएगी। सरकार के निर्देशानुसार इसका क्रियान्वयन होगा। इसके लिए ग्रामीणों को जागरुक भी किया जाएगा। अभियान से कचरा की बड़ी समस्या का निदान होगा।

-नंदलाल, जिला पंचायत राज अधिकारी

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