अवैध कालोनियां कटती रहीं, देखती रही जिला पंचायत
शामलीजेएनएन जिला गठित होने के बाद शामली में सुनियोजित विकास का सपना केवल सपना ही रह गया। शामली में जिला पंचायत कार्यालय के पास ही अवैध कालोनियों का जाल बिछ गया है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी समेत अन्य अधिकारी रोज वहीं से गुजरते हैं लेकिन कुकरमुत्तों की तरह अवैध कालोनियों की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।
शामली,जेएनएन : जिला गठित होने के बाद शामली में सुनियोजित विकास का सपना केवल सपना ही रह गया। शामली में जिला पंचायत कार्यालय के पास ही अवैध कालोनियों का जाल बिछ गया है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी समेत अन्य अधिकारी रोज वहीं से गुजरते हैं, लेकिन कुकरमुत्तों की तरह अवैध कालोनियों की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।
शामली से गोहरनी की ओर जाते समय मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सीमा के बाहर जिला पंचायत की सीमा शुरू होती है। नगरीय क्षेत्रों के ठीक बाहर भी जिला पंचायत का कार्यक्षेत्र शुरू होता है। शामली से गोहरनी जाते समय भैंसवाल तक अवैध कालोनियों का जाल बिछा है। यह हाल तब है जब तमाम सरकारी कार्यालय उसी रोड पर हैं। जिला पंचायत समेत सभी विभागों के आला अफसर यहीं से गुजरते हैं।
जिला पंचायत ने बनाया नए बायलाज का बहाना
जिला पंचायत जनवरी-2021 में आए नए बायलाज के तहत देहात क्षेत्र में गांवों को छोड़कर खेती की भूमि को बिना रिहायश में दर्ज कराए आवासीय कालोनी विकसित नहीं की जा सकती। ट्यूबवेल आदि को छोड़कर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए जिला पंचायत की अनुमति आवश्यक है। इसके बावजूद शामली के साथ ही कैराना, झिझाना, कांधला, ऊन, गढ़ीपुख्ता, जलालाबाद, थानाभवन, बनत, एलम आदि कस्बों के चारों ओर जिला पंचायत की सीमा में अवैध कालोनियों की भरमार हो चुकी है। इनका कहना है
जिला पंचायत ने अपने अधिकार क्षेत्र में कटने वाली अवैध कालोनियों के संबंध में तहसीलों से जानकारी मांगी है। जमीन के मालिक और अवैध कालोनी काटने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
मुकेश जैन, एएमए, जिला पंचायत