शाम छह बजते ही टूट जाता है बसों और यात्रियों का साथ

कोरोना के चलते देशभर में ट्रेनों का संचालन लगभग बंद है। दूसरी ओर सुगम यात्रा का दावा करने वाला उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम शामली के प्रति पूरी तरह उदासीन है। यहां शाम छह बजे के बाद रोडवेज अड्डे पर बसें नदारद रहती हैं और परेशान यात्री इधर-उधर भटकते दिखते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:50 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:50 PM (IST)
शाम छह बजते ही टूट जाता है बसों और यात्रियों का साथ
शाम छह बजते ही टूट जाता है बसों और यात्रियों का साथ

शामली, जेएनएन। कोरोना के चलते देशभर में ट्रेनों का संचालन लगभग बंद है। दूसरी ओर सुगम यात्रा का दावा करने वाला उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम शामली के प्रति पूरी तरह उदासीन है। यहां शाम छह बजे के बाद रोडवेज अड्डे पर बसें नदारद रहती हैं और परेशान यात्री इधर-उधर भटकते दिखते हैं।

एक ओर हरियाणा, दूसरी ओर उत्तराखंड और तीसरी ओर से दिल्ली से जुड़ा शामली व्यापार के साथ कृषि का महत्वपूर्ण केंद्र है। शामली 2011 में जिला मुख्यालय बना था। 2012 में परिवहन निगम ने इसे डिपो का दर्जा भी दे दिया था। इतना सब होने के बाद भी परिवहन निगम शामली के यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाया।

-तीन हाईवे से जुड़ा जिला

शामली मेरठ-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। इसके बावजूद शाम छह बजे के बाद यहां से दूसरे शहरों के लिए नाममात्र को ही साधन हैं। रात में दूसरे शहरों के लिए जाना पड़ जाए तो निजी वाहन और टैक्सी ही सहारा हैं। कई बार तो रात का हवाला देकर टैक्सी संचालक भी चलने से इन्कार कर देते हैं। -वर्कशाप न होने से नहीं मिली निगम की बसें

शामली को डिपो का दर्जा मिलने के बाद भी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें न मिलकर, अनुबंधित बसें ही मिली हैं। निगम की बसों की मरम्मत के लिए वर्कशाप नहीं बन पाया है। -डग्गामार वाहनों का सहारा लेने को मजबूर यात्री

बनत से आगे शामली से सहारनपुर रूट पर शाम सात बजे के बाद बस नहीं हैं। यात्री बस अड्डे पर हंगामा प्रदर्शन करते हैं तो तीन-चार दिन बस चलाकर बंद दी जाती है। इसके बाद यात्री फिर डग्गामार वाहनों का सहारा लेने को मजबूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर रूट का हाल भी यही है। शामली से मेरठ और मुजफ्फरनगर के लिए शाम 6.30 बजे आखिरी बस है। वहीं, अफसरों का दावा है कि दिल्ली के लिए 9 बजे आखिरी बस है। शाम होते ही बस का इंतजार करते यात्री रोडवेज अधिकारियों के दावे को आइना दिखाने के लिए काफी हैं। जरूरत पड़ने पर तुरंत व्यवस्था : चौहान

शामली डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज बाजपेई से संपर्क नहीं हो सका। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजेंद्र चौहान ने बताया कि कोरोना के चलते यात्री न आने से बसों का समय कम किया गया था। यात्री ज्यादा होने पर तुरंत बस की व्यवस्था की जाती है।

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