स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता विषय पर गोष्ठी

कांधला कस्बे के राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वदेशी स्वावलंबन और स्वच्छता विषय पर गोष्ठी की गई। इस अवसर पर पेंटिग प्रतियोगिता भी हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रमोद कुमारी ने की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:44 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:44 PM (IST)
स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता विषय पर गोष्ठी
स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता विषय पर गोष्ठी

शामली, जागरण टीम। कांधला कस्बे के राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता विषय पर गोष्ठी की गई। इस अवसर पर पेंटिग प्रतियोगिता भी हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रमोद कुमारी ने की।

मुख्य वक्ता वीवीपीजी कालेज शामली के प्रवक्ता निर्भय सिंह ने कहा कि स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता तीन अलग-अलग शब्द हैं, लेकिन ये तीनों शब्द एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ये तीनों ही आत्मनिर्भरता की अवधारणा को अभिव्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वच्छता महात्मा गांधी के राष्ट्र निर्माण के आदर्श के प्रमुख स्तंभ हैं। स्वदेशी का अर्थ आत्म का विस्तार है। गांधी कहते थे कि स्वदेशी विचार के अंतर्गत पड़ोस भी शामिल है। स्वावलंबन का विचार उन्होंने हिद स्वराज नामक पुस्तक में दिया था। क्षेत्र में ही स्वावलंबन नहीं होना चाहिए बल्कि शिक्षा, मनोरंजन, व्यापार व भाषा के मामले में भी हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए। विदेशी पूंजी, संस्कृति व भाषा पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। महात्मा गांधी किसी काम को हीन नहीं मानते थे।

प्राचार्या प्रमोद कुमारी ने उन्होंने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई का मूल आधार स्वदेशी की विचारधारा है। उन्होंने कहा कि आजादी किसी एक विचारधारा के कारण नहीं मिली, बल्कि सभी प्रकार के विचार व ज्ञात-अज्ञात हजारों लाखों सेनानियों के त्याग व बलिदान से मिली है। आजादी का अमृत महोत्सव ऐसे ही आजादी के बलिदानियों को याद करने के लिए मनाया जा रहा है। गोष्ठी का संचालन डा. रामायन राम ने किया। इस दौरान डा. पंकज चौधरी, डा. विशाल कुमार, डा. दीप्ति चौधरी, बृजेश राठी, प्रदीप कुमार, विनोद कुमार, डा. अंकिता त्यागी, लक्ष्मी गौतम, नयना शर्मा व विनीता सहित आदि मौजूद रहे।

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