डंपिग ग्रांउड से अलग कचरा डालने पर एसडीएम नाराज
गढ़ीपुख्ता में एसडीएम मणि अरोड़ा ने गुरुवार को नगर पंचायत परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ईओ गैर हाजिर मिले। इसके साथ ही नगर पंचायत कर्मियों ने डंपिग ग्राउंड की जगह बाहर कचरे का ढेर लगा रखा था। इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताई और कचरा को ग्राउंड में ही डालने का निर्देश दिया। उन्होंने सुलभ शौचालय में गंदगी पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए।
शामली, जेएनएन। गढ़ीपुख्ता में एसडीएम मणि अरोड़ा ने गुरुवार को नगर पंचायत परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ईओ गैर हाजिर मिले। इसके साथ ही नगर पंचायत कर्मियों ने डंपिग ग्राउंड की जगह बाहर कचरे का ढेर लगा रखा था। इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताई और कचरा को ग्राउंड में ही डालने का निर्देश दिया। उन्होंने सुलभ शौचालय में गंदगी पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए।
एसडीएम मणि अरोड़ा अचानक की नगर पंचायत कार्यालय में पहुंची गई। उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति चेक की तो ईओ गैर हाजिर पाए गए। इसके बाद उन्होंने नगर में भ्रमण किया और सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। सुलभ शौचालय की सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली। इस पर उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को आड़े हाथों लिया। फिर उन्होंने डंपिग ग्राउंड का निरीक्षण किया। यहां कर्मचारियों ने निर्धारित स्थान के बजाए बाहर की कचरे के ढेर लगा रखे थे। एसडीएम ने इस पर जवाब तलब किया तो कर्मचारी जवाब नहीं दे पाए। इस पर एसडीएम ने तत्काल कचरा ग्राउंड में डालने और सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त मिली। एसडीएम ने बताया कि निरीक्षण की रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी। पालिकाध्यक्ष के अधिकार सीज करने की मांग
शामली: दुकान आवंटन के मामले में शिकायकर्ताओं ने पालिकाध्यक्ष के अधिकार सीज करने की मांग की है। साथ ही वह कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
सभासद अनिल उपाध्याय, सभासद पति निशीकांत संगल ने कैराना रोड स्थित एक रेस्तरां में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि पालिकाध्यक्ष अजंना बंसल पत्र भेजकर अधिशासी अधिकारी और उन पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही हैं। जब एक दुकान चार लाख में आवंटित हुई थी तो अन्य 21 दुकान बेहद कम दाम में क्यों को दे दी गई। अब तो पालिकाध्यक्ष ने खुद स्वीकार कर लिया है कि आवंटन उनके आदेश पर हुआ। अधिकारों का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में शासन से मांग है कि उनके अधिकारों को सीज किया जाए। दुकान आवंटन भी आरक्षण कर दिया गया। कुछ सभासद व कर्मचारियों से मिलीभगत कर औने-पौने दाम पर दुकानें बेच दी गईं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही जिलाधिकारी को भी एक पत्र दिया गया है। कहा है कि पालिका की बोर्ड बैठक छह-छह माह तक नहीं होती है। शहर हित कें कार्य प्रभावित होते हैं। ऐसे में जिस तरह हर माह व्यापारियों-उद्यमियों के साथ बैठक होती है, उसी तरह जिलाधिकारी सभासदों के साथ भी हर माह बैठक करें। उक्त में शहर की समस्याओं के बारे में बताया जा सके, जिससे निदान हो।