फलों के दामों में उछाल, कैसे बढ़ेगी इम्युनिटी

कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सक फलों के सेवन की सलाह दे रहे हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अछी बनी रहे। लेकिन फलों के दाम काफी बढ़ गए हैं और आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहे हैं। ऐसे में कैसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:30 PM (IST)
फलों के दामों में उछाल, कैसे बढ़ेगी इम्युनिटी
फलों के दामों में उछाल, कैसे बढ़ेगी इम्युनिटी

जेएनएन, शामली। कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सक फलों के सेवन की सलाह दे रहे हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे। लेकिन फलों के दाम काफी बढ़ गए हैं और आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहे हैं। ऐसे में कैसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। प्रशासन की ओर से दामों पर नियंत्रण के लिए कोई कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं।

नवरात्र बुधवार को पूर्ण हुए, लेकिन रमजान का महीना चल ही रहा है। साथ ही कोरोना के बढ़ते सितम को देखते हुए लोगों ने डाइट में फलों का सेवन अधिक करना शुरू कर दिया था। लेकिन मांग में थोड़ा इजाफा क्या हुआ कि दाम बढ़ते चले गए।

फल विक्रेता गौरव कालरा ने बताया कि सभी फलों के दामों में 10 से 30 रुपये की वृद्धि हुई है। तरबूज और खरबूजा की आवक कुछ समय पहले ही शुरू हुई तो उनके दाम पहले से ही अधिक हैं। सेब, संतरा, अनानास के दाम तो इस सीजन में महंगे ही होते हैं।

फल-सब्जी के थोक विक्रेता प्रदीप कुमार ने बताया कि अधिकांश फल दिल्ली से आते हैं। कच्चा केला भी बाहर से आता है और यहां पर पकाया जाता है। खरबूजा और तरबूज की आपूर्ति स्थानीय स्तर से हो रही है, लेकिन अभी उत्पादन कम है। नवरात्र, रमजान में फलों की खपत बढ़ जाती है। कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण मंडियों में फलों की आपूर्ति में भी कमी आई है। शादियां भी चल रही हैं। इसलिए दाम बढ़ गए हैं। उधर, जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि खाद्य पदार्थाें की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए सभी उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं। कहीं मामला सामने आएगा तो कार्रवाई होगी।

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फलों के दाम

सेब, 150 से 200

संतरा, 140 से 200

पपीता, 50

खरबूजा, 60

तरबूज, 30

लोकाट, 100

कीवी, 50

केला, 60

आम, 80 से 100

अनानास, 70

(केला का भाव प्रति दर्जन और कीवी का भाव प्रति नग में है)

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दवाओं की बढ़ी मांग

कोरोना के बढ़ते कहर में काफी दवाओं की मांग बढ़ गई है। खासकर विटामिन-सी और जिक की गोलियों की। कोरोना से बचाव के लिए लोग नियमित रूप से सेवन कर रहे हैं। पिछले दस दिन में ही मांग में करीब तीन गुना इजाफा हुआ है। मेडिकल स्टोर संचालक संजय त्यागी ने बताया कि अभी तक तो उक्त दवाओं का स्टाक पर्याप्त है। लेकिन मांग इसी तरह बनी रही तो शायद कुछ दिन बाद कमी हो सकती है। एक व्यक्ति ही कई-कई पत्ते मांग रहा है। हालांकि वह एक व्यक्ति को दो पत्तों से अधिक नहीं दे रहे हैं। मेडिकल एजेंसी संचालक अनिल भार्गव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में मल्टीविटामिन गोलियों की मांग भी बढ़ी है। तुलसी अर्क की भी काफी बिक्री हो रही है। पैरासिटामोल की मांग भी बढ़ी है, पर कमी नहीं है। वहीं, औषधि निरीक्षक संदीप कुमार का कहना है कि कोरोना के उपचार में काम आने वाली दवाओं के स्टाक के बारे में लगातार जानकारी ली जा रही है। कालाबाजारी-जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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