अपनों की मदद को बनाया राहत कोष, एक दिन में जोड़े तीन लाख रुपये
कोविड-19 महामारी बढ़ रही है। ऐसे में प्रत्येक वर्ग इससे प्रभावित हो रहा है। कोरोना से जिले के अभी तक आठ शिक्षकों की मौत हो चुकी है। कोरोना से बचाव व जागरूक करने के लिए शिक्षक संगठनों ने आगे आकर साथियों हाथ बढ़ाना की तर्ज पर एक दूसरे की मदद का फैसला किया है। इसमें जिले के सभी शिक्षकों ने सामूहिक एक राहत कोष बनाया है।
जेएनएन, शामली। कोविड-19 महामारी बढ़ रही है। ऐसे में प्रत्येक वर्ग इससे प्रभावित हो रहा है। कोरोना से जिले के अभी तक आठ शिक्षकों की मौत हो चुकी है। कोरोना से बचाव व जागरूक करने के लिए शिक्षक संगठनों ने आगे आकर साथियों हाथ बढ़ाना की तर्ज पर एक दूसरे की मदद का फैसला किया है। इसमें जिले के सभी शिक्षकों ने सामूहिक एक राहत कोष बनाया है। जिसमें शिक्षक साथियों की मदद के लिए आगे आए हैं। एक ही दिन में करीब तीन लाख रुपये जोड़ लिए हैं।
पंचायत चुनाव के दौरान बढ़ते कोरोना संक्रमण में ड्यूटी करने के बाद कई शिक्षकों का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। कोरोना जांच कराने पर कई शिक्षकों की रिपोर्ट पाजिटिव आई। गत दो मई से अभी तक जिले के विभिन्न परिषदीय स्कूलों के आठ शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है। मृतक शिक्षकों के स्वजन की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए शामली के शिक्षकों ने एक नई पहल की है। जिसके तहत राहत कोष बेसिक शिक्षा विभाग जनपद शमली के नाम से एक खाता खुलवाया गया है। इसमें सभी शिक्षक मदद के लिए धनराशि डाल रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ब्लाक सह संयोजक नितिन कुमार ने बताया कि गुरुवार को खाता खोला गया था। शुक्रवार तक जिलेभर के शिक्षकों की मदद से करीब तीन लाख रुपये जमा किए गए हैं। अभी जो शिक्षक रह रहे हैं, वह भी मदद करेंगे। मृतक शिक्षकों की आर्थिक मदद करने के लिए शिक्षकों की ओर से यह सराहनीय पहल की गई है।
--
इन शिक्षकों की हुई मौत
बबलू कुमार, सुनील कुमार, नत्थू सिंह, अनुज त्यागी, अनिल कुमार, नीरज कुमार, ओमबीर सिंह, उधम सिंह कुल आठ शिक्षकों की मौत हो चुकी है।