झमाझम बरसे मेघ, गर्मी और उमस से राहत
बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दी है। तेज हवा के साथ मेघ बरसे लेकिन जलभराव की समस्या उत्पन्न नहीं हुई। हवा से आम की फसल को जरूर नुकसान पहुंचा है। पिछले कुछ दिनों से हर दिन मौसम का अलग मिजाज देखने को मिल रहा है। एक दिन में कई-कई रंग भी मौसम दिखा रहा है। शनिवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे।
जेएनएन, शामली। बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दी है। तेज हवा के साथ मेघ बरसे, लेकिन जलभराव की समस्या उत्पन्न नहीं हुई। हवा से आम की फसल को जरूर नुकसान पहुंचा है। पिछले कुछ दिनों से हर दिन मौसम का अलग मिजाज देखने को मिल रहा है। एक दिन में कई-कई रंग भी मौसम दिखा रहा है। शनिवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। कभी बारिश की उम्मीद लग रही थी तो कभी मौसम साफ होने की। दोपहर में काले घने बादलों का आसमान में डेरा हुआ। करीब ढाई बजे तेज हवा चलना शुरू हो गई और फिर बारिश शुरू हुई। लाकडाउन के चलते शहर में सन्नाटा था और लोग घरों में थे। जरूरी काम होने पर लोग छाता लेकर घर से बाहर निकलें। करीब 20 मिनट तक बारिश चलती रही। बारिश-हवा तो रुक गई, लेकिन बादल आसमान में बने रहे। साथ ही गर्मी और उमस काफी कम हो गई थी।
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आम को फिर नुकसान
मौसम की मार से इस बार सबसे अधिक नुकसान आम की फसल को हो रहा है। पिछले दिनों में ही कई बार आंधी चल चुकी है, जिससे काफी आम पेड़ों से गिर गया था। शनिवार को भी कुछ देर के लिए हवा तेज थी। ऐसे में आम को फिर से नुकसान पहुंचा है। बाग ठेकेदार इकराम ने बताया कि लाकडाउन से बाजार की हालत खराब है। मौसम से बहुत अधिक नुकसान हो चुका है। हालांकि अभी फल तैयार होने में थोड़ा वक्त है।
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गन्ने की बुआई में देरी
कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि गन्ने की पछेती बुआई भी इस वक्त चल रही है। गेहूं की कटाई के बाद काफी किसान बुआई करते हैं। बारिश से बुआई प्रभावित होगी। अगर किसानों ने खेत तैयार कर लिया था तो दोबारा मेहनत करनी पड़ेगी। साथ ही 25 से 30 दिन पहले तक बोए गन्ने की फसल के लिए भी यह बारिश नुकसानदायक है। फसल का जमाव प्रभावित होता है। गेहूं की कटाई हो चुकी है। सब्जियों में कोई खास नुकसान की बात नहीं है।