27 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीद, अंतिम दिन आज

जिले में 27 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। खरीद सत्र का अंतिम दिन मंगलवार को है। हालांकि पिछले कई दिनों से खाद्य विभाग के केंद्रों पर ही कुछ किसान आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:08 PM (IST)
27 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीद, अंतिम दिन आज
27 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीद, अंतिम दिन आज

शामली, जागरण टीम। जिले में 27 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। खरीद सत्र का अंतिम दिन मंगलवार को है। हालांकि पिछले कई दिनों से खाद्य विभाग के केंद्रों पर ही कुछ किसान आए हैं।

एक अप्रैल खरीद सत्र शुरू हुआ था और 15 जून अंतिम तिथि थी। इस बार दस हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है। ऐसे में उक्त तिथि तक सभी किसानों से खरीद नहीं हो सकी थी। केंद्रों पर बोरे खत्म होने व अन्य कारणों से किसानों को बैरंग लौटना पड़ा था। दिक्कत यह भी रही कि टोकन की तिथि के एक-एक माह बाद भी खरीद नहीं हुई थी।

किसान संगठनों की ओर से 30 जून तक खरीद बढ़ाने की मांग की जा रही थी। खैर, सरकार ने किसानों की दिक्कत को देखते हुए 22 जून तक का वक्त बढ़ा दिया था। जिले में 30 क्रय केंद्र हैं। खाद्य विभाग के छह, पीसीएफ के 20 , पीसीयू के तीन और एफसीआई का एक केंद्र रहा। 9214 किसानों से 27663 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। 15 जून के बाद किसान गेहूं लेकर आए हैं, लेकिन भीड़ जैसी स्थिति नहीं रही है।

जिला खाद्य विपणन अधिकारी निहारिका सिंह ने बताया कि गेहूं खरीद का मंगलवार को अंतिम दिन है। काफी किसानों का भुगतान हो चुका है और अधिकांश किसान गेहूं बेच भी चुके हैं। जिला बनने के बाद शामली में अब तक की रिकार्ड खरीद हुई है। पिछले साल भी रिकार्ड बना था। गत वर्ष सरकार ने 14500 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया था, लेकिन इस बार कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं था। पिछले साल 15 अप्रैल से खरीद सत्र शुरू हुआ था और 30 जून तक खरीद हुई थी।

----

पहले किसानों से करना पड़ता था अनुरोध

एक साल पहले तक प्रशासन को किसानों से अपील करनी पड़ती थी कि जिले के सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचा जाए। बिचौलिए किसानों से सस्ता गेहूं खरीदकर हरियाणा बेचने तो नहीं जा रहे, इस पर निगरानी होती थी। हरियाणा के बार्डरों पर अफसर डेरा डाले रहते थे। लेकिन इस बार तो शुरुआत से ही केंद्रों पर किसान गेहूं लेकर आते रहें।

chat bot
आपका साथी