उद्यान-पशुपालन समेत छह महकमों के उत्पाद निर्यात में होंगे शामिल

शामली जेएनएन। उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात-2019 की जिला स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई की प्रथम बैठक कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के तत्वावधान में हुईं। बैठक में अधिकारियों ने निर्यात नीति के क्रियान्वयन की विस्तार से जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:55 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:55 PM (IST)
उद्यान-पशुपालन समेत छह महकमों के उत्पाद निर्यात में होंगे शामिल
उद्यान-पशुपालन समेत छह महकमों के उत्पाद निर्यात में होंगे शामिल

शामली, जेएनएन।

उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात-2019 की जिला स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई की प्रथम बैठक कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के तत्वावधान में हुईं। बैठक में अधिकारियों ने निर्यात नीति के क्रियान्वयन की विस्तार से जानकारी दी।

बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में उप्र कृषि निर्यात-2019 की जनपदस्तरीय कलस्टर सुविधा इकाई की पहली बैठक जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में हुईं। बैठक में •िाला कृषि अधिकारी डा. हरीशंकर ने नीति के क्रियान्वयन के संबंध में उपस्थित सदस्यों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग, उद्यान, पशुपालन, मत्सय, गन्ना के उत्पाद निर्यात के लिए सम्मिलित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आयुक्त सहारनपुर ने जनपद को कृषि विभाग में बासमती चावल (पीबी-1121), उद्यान विभाग की हरी सब्जियां, शहद व मशरूम, पशुपालन का मुर्गी पालन, मत्सय विभाग का मछली पालन व गन्ना विभाग का गुड़ उत्पाद के क्लस्टर बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही फल एवं सब्जियां आम, अमरूद, पपीता आदि के विभिन्न उत्पाद जैम, जैली, कैंडी चटनी एवं आचार आदि तैयार कराकर निर्यात करने के लिए क्लस्टर बनाए जा सकते हैं। उप कृषि निदेशक डा. शिव कुमार केसरी ने कृषि विभाग की गठित एफपीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कृषि निर्यात नीति के संबंध में क्लस्टर गठन के लिए विस्तार से जानकारी दी। बताया कि न्यूनतम 50 हेक्टेयर की अनिवार्यता है। सर्वेक्षण उपरांत अपने अपने विकास खंडों में कृषक चयन की कार्रवाई अतिशीघ्र कराए, लेकिन मत्सय, पोल्ट्री, शहद, उत्पादन ऐसे उत्पाद है। जिन्हें क्षे़त्रफल के आधार पर नहीं जोड़ा जा सकता है। इसके लिए कृषक संख्या के आधार पर राज्य स्तरीय समिति को निर्धारण का प्रस्ताव भेजा जाए। सहायक कृषि विपणन अधिकारी कमलकांत त्यागी ने परिवहन अनुदान के बारे में जानकारी दी कि वायु मार्ग से निर्यात करने पर परिवहन अनुदान 10 रुपये प्रति किग्रा किग्रा अथवा वास्तविक भाड़े का 25 फीसद जो भी कम हो व जल मार्ग तथा सड़क मार्ग से निर्यात करने पर परिवहन अनुदान पांच रुपये प्रति किग्रा अथवा वास्तविक भाड़े का 25 फीसद जो भी कम हो अनुमन्य होगा। जिला विकास अधिकारी प्रमोद कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी का प्रतिनिधित्व करते हुए कृषि विभाग को बासमती निर्यात के लिए तथा उद्यान विभाग को हरी सब्जियों के निर्यात के लिए क्लस्टर बनाने के लिए निर्देशित किया। बैठक मे कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि अजब सिंह, जनक सिंह, कृष्णपाल सैनी, अभय चौधरी, अमित सैनी, संजीव कुमार, सुरेश कुमार, जर अब्बास एवं सुभाषचंद आदि मौजूद रहे।

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