सोए जिम्मेदार, कुंभकर्णी नींद में है वाणिज्य कर विभाग

शामली जेएनएन दिल्ली-हरियाणा से वाणिज्य कर चोरी कर लाए जा रहे काले कारोबार का राजफाश होते ही वाणिज्य कर विभाग में हड़कंप है। इन कारोबारियों से जुड़े अधिकारी भी अब अपना दामन बचाने में जुट गए है। फिलहाल लगातार वाणिज्य कर चोरी सुर्खियां बनने के बाद भी वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में है। इस अवैध कारोबार को रोकने वाले जिम्मेदार भी सोए हुए है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 11:23 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:02 AM (IST)
सोए जिम्मेदार, कुंभकर्णी नींद में है वाणिज्य कर विभाग
सोए जिम्मेदार, कुंभकर्णी नींद में है वाणिज्य कर विभाग

शामली: जेएनएन: दिल्ली-हरियाणा से वाणिज्य कर चोरी कर लाए जा रहे काले कारोबार का राजफाश होते ही वाणिज्य कर विभाग में हड़कंप है। इन कारोबारियों से जुड़े अधिकारी भी अब अपना दामन बचाने में जुट गए है। फिलहाल लगातार वाणिज्य कर चोरी सुर्खियां बनने के बाद भी वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में है। इस अवैध कारोबार को रोकने वाले जिम्मेदार भी सोए हुए है। उधर, वाणिज्य कर चोरी चर्चाओं में आने के बाद विजय चौक के पास बने गोदाम पर ताला लग गया है। सुबह से शाम तक यहां ताला लटका दिख रहा है। इसी गोदाम के मुखिया को वाणिज्य कर चोरी बड़ा कारोबारी बताया जा रहा है। उधर, डीएम जसजीत कौर ने अब पूरे ही मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की गोपनीय जांच शुरू करा दी है।

शामली में वाणिज्य कर चोरी का बड़ा खेल चल रहा है। यहां दिल्ली-हरियाणा से वाणिज्य कर चोरी कर रोज लाखों का सामान लाया जा रहा है। इस कारोबार का मुख्य केन्द्र विजय टॉकिज के पास एक गोदाम व रेलपार का एक सफेदपोश बताया जा रहा है। यहां रोज कई ट्रकों में वाणिज्य कर चोरी कर सामान लाया जा रहा है। इसे बाद में नगर के व्यापारियों को सप्लाई किया जाता है। इससे सरकार को रोज लाखों का नुकसान पहुंच रहा है। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की भूमिका इस मामले में संदिग्ध बतायी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इसी कारण बार्डर व शहर में इन गोदामों पर छापे नहीं मारे जा रहे हैं। जागरण ने इस काले खेल का राजफाश किया तो हड़कंप मच गया। शुक्रवार को विजय टॉकिज के गोदाम पर ताला लगा रहा। इसके अलावा रेलपार का सफेदपोश भी गायब रहा। समाचार पत्र की सुर्खियां बनने पर डीएम व एडीएम ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अब वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की इस कारोबारियों से मिलीभगत के सबूत तलाशे ज रहे हैं। इससे वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों में हड़कंप है।

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