बहुमत जुटाने में होगी भाजपा की अग्निपरीक्षा
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की घंटी बज गई है। इसके साथ ही सियासत का पारा भी चढ़ने लगा है। सत्ताधारी भाजपा को जनपद में जीत हासिल करने के लिए अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा।
शामली, जागरण टीम। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की घंटी बज गई है। इसके साथ ही सियासत का पारा भी चढ़ने लगा है। सत्ताधारी भाजपा को जनपद में जीत हासिल करने के लिए अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा।
जनपद में भाजपा के सांसद, मंत्री और विधायक तो हैं ही, संगठन में कई कद्दावर नेता भी हैं। इसके बावजूद भाजपा के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी आसान नहीं है। इसके लिए पार्टी को अग्निपरीक्षा से गुजरना ही होगा। चुनाव आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है। आगामी 26 जून को नामांकन होंगे। वहीं, 29 जून को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा। इसी दिन मतगणना के बाद परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा।
शामली जनपद में 19 जिला पंचायत सदस्य हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत के लिए 10 वोट जरूरी हैं। भाजपा के केवल चार सदस्य जीते हैं। रालोद के पांच सदस्य जीते हैं। एक निर्दलीय सदस्य ने रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली है। वर्तमान में रालोद के पास छह सदस्य हैं। सपा के दो सदस्य जीते हैं। पांच सदस्य निर्दलीय हैं और दो सदस्य एसडीपीआइ के हैं। रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन का दावा है कि वह सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। यदि सपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें केवल दो वोट की जरूरत पड़ेगी। भाजपा को यदि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी चाहिए तो उसे कम से कम छह वोट का इंतजाम करना होगा।
सपा और रालोद ने अपने सदस्यों पर निगाहें गड़ा दी हैं। जीत के लिए भाजपा को सभी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों के साथ एसडीपीआइ सदस्यों को भी अपने पक्ष में मतदान करने के लिए साधना होगा। ऐसे में हर सदस्य पर ध्यान रखना जरूरी है। यदि एक भी सदस्य ने पाला बदला तो बाजी हाथ से निकल सकती है। अब देखना यह है कि भाजपा इस चुनावी समीकरण को कैसे साधती है?
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प्रत्याशी को लेकर भी जोरदार रस्साकशी
इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। अनुसूचित जाति की तीन महिलाएं जिला पंचायत सदस्य बनी हैं। इनमें एक भाजपा, दूसरी सपा के समर्थन और तीसरी निर्दलीय जीती थीं। जिले में जिला पंचायत की सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाले रालोद के पास प्रत्याशी नहीं थीं। मंगलवार को रालोद ने निर्दलीय सदस्य बबली देवी को पार्टी में शामिल कर लिया। अब रालोद भी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में ताल ठोकेगा।