मुकीम के आतंक ने बदल दी थी राजनीति की दिशा
मुकीम काला के आतंक के चलते कैराना से पलायन हुआ। इसके बाद पलायन के मुद्दा गूंजा तो राजनीति में ही बदलाव का संदेश चला गया। प्रदेश में स्पष्ट बहुमत वाली सपा सरकार हार गई और भाजपा को सत्ता मिली। मुख्यमंत्री ने उसके बाद अपनी कई जनसभाओं में घोषणा की कि प्रदेश में दूसरा कैराना नहीं बनने देंगे।
जेएनएन, शामली। मुकीम काला के आतंक के चलते कैराना से पलायन हुआ। इसके बाद पलायन के मुद्दा गूंजा तो राजनीति में ही बदलाव का संदेश चला गया। प्रदेश में स्पष्ट बहुमत वाली सपा सरकार हार गई और भाजपा को सत्ता मिली। मुख्यमंत्री ने उसके बाद अपनी कई जनसभाओं में घोषणा की कि प्रदेश में दूसरा कैराना नहीं बनने देंगे।
पूर्व सांसद हुकुम सिंह के पलायन का मुद्दा उठाने के बाद राजनीति में तेज हलचल हुई। भाजपा ने यहां पर अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा था। जब उसने पलायन की पुष्टि की तो सपा ने भी अपना प्रतिनिधिमंडल यहां भेजा। हुकुम सिंह अपने दावों पर अडिग रहे। एक-एक परिवार के पलायन के साक्ष्य उन्होंने सभी के सामने रखे। हुकुम सिंह का दावा था कि यहां अपराध बढ़ रहा है। व्यापारियों से रंगदारी मांगी जा रही है। नहीं देने पर व्यापारियों की हत्याएं की जा रही हैं। अपराध को मुकीम काला अंजाम दे रहा है। शुरूआत में हुकुम सिंह की बातों को हल्के में लिया गया। मुद्दा गर्माता देख सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने तर्क रखे, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने यह बात स्वीकार की कि यहां पलायन हुआ है। इसके बाद कैराना और मुकीम का आतंक राजनीतिक बदलाव का केंद्र बनते गए। आखिर जब विधानसभा चुनावों का परिणाम सामने आया तो सबकुछ बदल चुका था। प्रदेश की सत्ता भाजपा के हाथों में आ गई थी।
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विधायक पर लगे संरक्षण देने के आरोप
मुकीम काला ने वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक ताबड़तोड़ वारदात की। इस दौरान प्रदेश में सपा सरकार थी। इस दौरान तत्कालीन सत्ताधारी दल के एक विधायक पर आरोप भी लगे कि वह मुकीम को संरक्षण दे रहे हैं। हालांकि यह मामला कभी भी लिखा-पढ़ी में नहीं आया।
सचिन मलिक ने की थी मुकीम की पिटाई
दिल्ली बार्डर पर पकड़े जाने के बाद शामली पुलिस काला को रिमांड पर लाई तो इंस्पेक्टर सचिन मलिक ने उसकी जमकर धुनाई की। इस मंजर का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था।