सीआइएससीई : इंटर में प्राची और हाईस्कूल में उमंग ने मारी बाजी

शामली जेएनएन। काउंसिल फार इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) में प्राची और

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:10 PM (IST)
सीआइएससीई : इंटर में प्राची और हाईस्कूल में उमंग ने मारी बाजी
सीआइएससीई : इंटर में प्राची और हाईस्कूल में उमंग ने मारी बाजी

शामली, जेएनएन। काउंसिल फार इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) में प्राची और उमंग ने जिला टाप किया है। आइएससी (इंटरमीडिएट) में प्राची सिंह ने 95.8 और आइसीएसई (हाईस्कूल) में उमंग गुप्ता ने 96.67 फीसद अंक प्राप्त किए हैं। जिले में सीआइएससीई बोर्ड से संबद्ध सेंट फ्रांसिस स्कूल ही है और स्कूल का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा है।

शनिवार को दोपहर तीन बजे आइएससी और आइसीएसई परिणाम जारी हुआ। स्कूल में शिक्षकों ने दोनों कक्षाओं का सभी छात्र-छात्राओं का परिणाम निकाला। आइएससी में शामली के गांव टिटौली निवासी प्राची सिंह ने सर्वाधिक 95.8 फीसद फीसद अंक प्राप्त किए। अंग्रेजी में 99,भौतिक विज्ञान में 94, रसायन विज्ञान में 91, जीव विज्ञान 95, भूगोल-100 अंक हैं। 500 में से 479 अंक हासिल किए। दूसरे स्थान पर 95.2 फीसद अंक प्राप्त करने वाली कीर्ति चौधरी दूसरे और तीसरे स्थान पर 94.4 फीसद अंक प्राप्त करने वाले सार्थक चौहान रहें। कामर्स स्ट्रीम में शशांक सक्सेना टापर रहें और 94.4 फीसद अंक प्राप्त किए हैं।

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आइसीएसई में काका नगर निवासी उमंग गुप्ता ने 96.67 फीसद अंक हासिल किए गए हैं। अंग्रेजी में 100, हिदी में 99, हिस्ट्री, सिविक एंड ज्योग्राफी (एचसीजी) में 95.8, गणित में 98, विज्ञान में 96.3, कंप्यूटर में 96 अंक हैं। कुल 600 में से 580 अंक प्राप्त किए हैं। वहीं, 96.50 फीसद अंक प्राप्त कर अभिमन्यु मिश्रा दूसरे और तीसरे स्थान पर 96.33 फीसद अंक हासिल कर अंकित मित्तल तीसरे स्थान पर रहे।

नहीं पहुंचे छात्र

परिणाम घोषित ही सेंट फ्रांसिस में छात्र-छात्राओं का आना शुरू हो जाता था, लेकिन कोरोना काल में स्कूल प्रबंधन ने स्कूल में आने से मना किया था। हालांकि कुछ छात्र पहुंच और अपना रिजल्ट जानने के बाद वापस स्कूल से लौट गए।

इन्होंने कहा..

सेंट फ्रांसिस स्कूल के उप प्रधानाचार्य फादर लुईस ने बताया कि आइसीएसई की 194 और आइएससी की 106 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। सभी सफल हुए हैं। कोरोना के प्रकोप के चलते छात्र-छात्राओं को स्कूल में आने से मना कर दिया गया था। सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

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