कैराना को मिलेगी मामौर झील के अभिशाप से मुक्ति

कैराना के दर्जन भर गांवों के लोगों को जल्द ही मामौर झील के अभिशाप से मुक्ति मिल जाएगी। बरसात के दिनों में इन गांवों में तबाही मचाने वाली झील का पानी शोधित कर यमुना नदी में पहुंचाया जाएगा। स्थानीय सांसद की पहल पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने 7

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 12:01 AM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 12:01 AM (IST)
कैराना को मिलेगी मामौर झील के अभिशाप से मुक्ति
कैराना को मिलेगी मामौर झील के अभिशाप से मुक्ति

शामली, जेएनएन। कैराना के दर्जन भर गांवों के लोगों को जल्द ही मामौर झील के अभिशाप से मुक्ति मिल जाएगी। बरसात के दिनों में इन गांवों में तबाही मचाने वाली झील का पानी शोधित कर यमुना नदी में पहुंचाया जाएगा। स्थानीय सांसद की पहल पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने 78.42 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं।

सात दिसंबर को उप्र के गंगा नदी कन्वर्जन एजेंसी के परियोजना निदेशक को भेजे गए पत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने कहा है कि कैराना कस्बे के प्रोजेक्ट के लिए 78.42 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए हैं। इसमें 39.91 करोड़ रुपये निर्माण पर खर्च होंगे और 38.42 करोड़ रुपये पंद्रह सालों में इसके रख-रखाव पर खर्च किए जाएंगे।

बता दें कि कैराना कस्बे के पास मामौर गांव में करीब 40 हेक्टेयर जमीन पर झील है। बरसात के दिनों में इसमें पानी बढ़ जाता है और यह करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक फैल जाती है। इस क्षेत्र में खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं। इसके अलावा मवी,मामौर, सहपथ, पंजीठ और काकोर समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों की दिनचर्या प्रभावित करती है। हर साल यहां के लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। यहां के ग्रामीण इस झील के ओवरफ्लो

होने से परेशान रहते हैं। ग्रामीणों ने समस्या उठाई तो कैराना सांसद प्रदीप चौधरी ने इसके लिए नमामि गंगे योजना के तहत प्रोजेक्ट बनवाया और केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय को भिजवाया। इसी महीने सात दिसंबर को मंत्रालय ने धनराशि स्वीकृत कर दी है। इस योजना के तहत झील के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनवाया जाएगा। इस पानी को शोधित करके यमुना में पहुंचाया जाएगा। बरसात से पहले ही नदी को पानी यमुना में पहुंचने से झील खाली हो जाएगी और बरसात का पानी झील में ही समा जाएगा। इसके बाद ना तो किसानों की फसलें बर्बाद होंगी और ना ही किसानों को आर्थिक नुकसान। परियोजना मूर्तरूप लेगी तो अभिशाप कही जाने वाली झील स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित होगी।

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बरसात में कैराना की मामौर झील आधा दर्जन गांवों के लिए अभिशाप बन जाती है। किसानों की फसलों को तबाह कर देती है। 78 करोड़ रुपये से प्लांट लगाकर झील का पानी संशोधित कर यमुना नदी में पहुंचा जाएगा। इससे ग्रामीणों को बड़ी समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।

-प्रदीप चौधरी, सांसद कैराना।

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