शामली मंडी में भी खुलेगा धान खरीद केंद्र

कृषि उत्पादन मंडी शामली परिसर में भी धान खरीद केंद्र खुलेगा। एफसीआइ से प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास आ गया है और सोमवार से केंद्र शुरू हो सकता है। वहीं बिड़ौली क्षेत्र में हरियाणा बार्डर के पास दो गांव में केंद्र शुरू हो गए हैं। अब केंद्र की कुल संख्या नौ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:21 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:21 PM (IST)
शामली मंडी में भी खुलेगा धान खरीद केंद्र
शामली मंडी में भी खुलेगा धान खरीद केंद्र

शामली, जेएनएन। कृषि उत्पादन मंडी शामली परिसर में भी धान खरीद केंद्र खुलेगा। एफसीआइ से प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास आ गया है और सोमवार से केंद्र शुरू हो सकता है। वहीं, बिड़ौली क्षेत्र में हरियाणा बार्डर के पास दो गांव में केंद्र शुरू हो गए हैं। अब केंद्र की कुल संख्या नौ है।

पहले एफसीआइ का केंद्र भी होता था, लेकिन दो साल से केंद्र नहीं बनाया जा रहा था। एक अक्टूबर से सात केंद्र शुरू हो हुए और शामली में कोई केंद्र नहीं था। वैसे तो शामली क्षेत्र में कम किसान धान की खेती करते हैं, लेकिन जो करते हैं। उन्हें धान बेचने दूर केंद्रों पर जाना पड़ता है। ऐसे में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने एफसीआइ के अधिकारियों से बात की। इसके बाद वहां से प्रस्ताव भी आ गया है। एफसीआइ का केंद्र इसलिए भी शुरू किया जा रहा है, क्योंकि इसके कर्मचारियों को तकनीकी जानकारी भी अधिक होती है। वहीं, हरियाणा की मंडियों में उत्तर प्रदेश के किसानों का मोटा धान अभी नहीं लिया जा रहा है और किसानों को बार्डर पर रोका जा रहा है। इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने बिड़ौली क्षेत्र के सहकारी समिति याहियापुर का केरटू और सहकारी समिति ऊदपुर में खरीद केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया था और शनिवार से दोनों केंद्र सक्रिय हो गए हैं। हालांकि पहले दिन कोई खरीद नहीं हुई है। लेकिन जिले के थानाभवन, झिझाना, मलकपुर, कांधला, ऊन के केंद्र पर 22.94 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई और अब तक कुल खरीद 130.54 मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले साल 23 अक्टूबर तक खरीद 517 मीट्रिक टन थी। तब लक्ष्य 300 मीट्रिक टन का था और इस बार लक्ष्य एक हजार मीट्रिक टन का है। धान खरीद नोडल अधिकारी एंव अपर जिलाधिकारी अरविद कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 471 किसान आनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। 51 किसानों से अब तक खरीद हुई है, जिनका कुल देय 24.63 लाख रुपये है। जल्द भुगतान भी किसानों के खातों में पहुंचने लगेगा। सत्यापन और टोकन की जरूरत तभी है, जब धान की मात्रा 100 कुंतल से अधिक हो। अगर इससे कम है तो पंजीकरण के बाद ही धान बेच सकते हैं।

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