बम भोले के जयकारों से मार्ग हुआ भक्तिमय
शामली जेएनएन। फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि को लेकर कम भोले के जयकारों के साथ कांवडि़यों की आमद हुई है। कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए हैं।
शामली, जेएनएन। फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि को लेकर कम भोले के जयकारों के साथ कांवडि़यों की आमद हुई है। कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए हैं।
फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर कांवड़ियों की संख्या कम रहती है। इस बार भी कांवड़ियों का जत्था आना प्रारंभ हो गया है। बुधवार को धर्मनगरी हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों की कैराना में आमद हुई है।
हरिद्वार से कंधों पर आकर्षक और विशाल कांवड़ पैदल लेकर कैराना पहुंचे। जत्थे में शामिल रामनिवास हरिओम, शिवकुमार , ज्ञानपाल ने बताया कि रविवार को वह हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर गंतव्य के लिए चले थे। हरियाणा के कांवड़ियों के जत्थे की कांवड़ मार्ग पर आकर्षण का केंद्र रही। इस दौरान शिवभक्तों द्वारा मार्ग पर हर-हर गंगे, बम-बम, ओम नम: शिवाय, जय भोला भंडारी की गुज के जयकारों के साथ कंधे पर कांवड़ लेकर अपने गणतव्यों की ओर कदम बढ़ाते रहे हैं। कैराना में कांवड़ियों का यह पहला जत्था देखा गया है। इस दौरान शिवभक्तों की सेवा के लिए कुछ व्यापरियों व नगरवासियों के ह्रदय में सेवा की भावना भी जाग्रत होती दिखाई दी।
भागवत कथा सुनना और सुनाना भागवत कृपा से संभव
शामली: भागवत कथा सुनना-सुनाना भगवान कृपा से ही संभव है। श्री भगवान जिस पर कृ़पा करते हैं। वही, भाग्यशाली है। संसार के कष्टों से भागवत कथा ही पार कर सकती है। कथावाचक रोहिणी शरण महाराज ने मोहल्ला बरखंडी स्थित सिद्धपीठ डेरा बाबा भवानी नाथ शिव मंदिर में बुधवार को उक्त प्रवचन किए। इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
इससे पहले कलश यात्रा निकाली गई। प्रवचन में कथावाचक रोहिणी शरण महाराज ने कहा कि वृंदावन में भक्ति क्यों युवा है। वृंदावन के कण-कण में प्रभु का वास है। वृंदावन का कण-कण प्रभु के नाम से सराबोर है। इस दौरान सुंदर गोकर्ण उपाख्यान और कथा सुनने की विधि समझाई। मेरा मन पंछी ये बोल उड़ वृंदावन जाऊं आदि भजनों पर सभी भक्त श्रीमद भागवत कथा की अमृत वर्षा के साथ राधा-कृष्ण के भजनों पर झूम उठे। मुख्य अतिथि पूर्व चेयरमैन अरविद संगल ने कहा कि भागवत कथा सुनने का मौका सौभाग्य से मिलता है। वैदिक मंत्रोच्चार से माहौल धर्ममय हो गया। इस दौरान लक्ष्मण कौशिक, अनिल आचार्य, विकास भारद्वाज, किशन नामदेव, संसार सिंह, रविदर सिंह, प्रतीक गर्ग, अरविद कौशिक, सतेंद्र नामदेव, जितेंद्र निर्वाल, सुभाष गर्ग, संदीप नामदेव, नीटू निर्वाल आदि मौजूद रहे।