ओम नम: शिवाय

सिद्धपीठ मंदिर भाकूवाला नगर के माजरा रोड पर स्थित है और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। स्वयंभू शिवलिग का अभिषेक और पूजन करने के लिए रोजाना श्रद्धालु आते हैं। श्रावण मास में तो हर दिन मेले जैसा माहौल रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:51 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:51 PM (IST)
ओम नम: शिवाय
ओम नम: शिवाय

शामली, जागरण टीम। सिद्धपीठ मंदिर भाकूवाला नगर के माजरा रोड पर स्थित है और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। स्वयंभू शिवलिग का अभिषेक और पूजन करने के लिए रोजाना श्रद्धालु आते हैं। श्रावण मास में तो हर दिन मेले जैसा माहौल रहता है। मंदिर का इतिहास

सिद्धपीठ मंदिर भाकूवाला मंदिर मराठाकालीन है। शहर में जो चार शिवालय गुफा के माध्यम से जुड़े हुए हैं, उनमें से एक भाकूवाला शिवालय भी है। कहा जाता है कि मराठा सैनिकों ने ही मंदिर का निर्माण किया था और शिवलिग तो महाभारतकाल से भी पहले से है। यहां शिवलिग भी स्वयंभू है। बाद में श्रद्धालुओं ने शिव की 51 फीट ऊंची मूर्ति भी स्थापित की थी। अब तो अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति भी विधि-विधान के साथ स्थापित की हुई है। मंदिर की विशेषता

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर शिवालय को सजाया जाता है। मान्यता है कि अगर कोई सच्चे मन से 40 दिन तक लगातार अभिषेक और पूजन करता है, उसकी महादेव हर मनोकामना पूरी करते हैं। शामली जिले के साथ मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और सीमावर्ती हरियाणा क्षेत्र से भी श्रद्धालु आते हैं। इन्होंने कहा

भगवान शिव कृपालु हैं। सिद्धपीठ को लेकर मान्यता है कि कभी भी 40 दिन तक शिव की आराधना करने से सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु शिविलंग का अभिषेक करने के लिए आते हैं।

-पंडित कमलकांत पांडे, पुजारी

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यह सिद्धपीठ हम सभी की आस्था का केंद्र है। जीवन में जब भी कोई समस्या आई तो महादेव की सच्चे मन से पूजा की और उन्होंने सबकुछ ठीक कर दिया। लगातार मंदिर जाते हैं और आज जीवन में शांति व संतोष है।

-नीरज तायल, श्रद्धालु

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