सिद्धपीठ गुलजारीवाला मंदिर है भगवान शिव का सिद्धपीठ

शामली जेएनएन। शामली शहर में कैराना रोड पर यह प्राचीन मंदिर स्थित है। श्रावण मास में श्रद्धा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:28 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:28 PM (IST)
सिद्धपीठ गुलजारीवाला मंदिर है भगवान शिव का सिद्धपीठ
सिद्धपीठ गुलजारीवाला मंदिर है भगवान शिव का सिद्धपीठ

शामली, जेएनएन। शामली शहर में कैराना रोड पर यह प्राचीन मंदिर स्थित है। श्रावण मास में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। इसके अतिरिक्त भी अन्य सभी दिनों में श्रद्धालु जलाभिषेक को आते हैं। बाहर से आने वाले अधिकतर साधु-संत भी यहीं पर रुकते हैं। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर का इतिहास

गुलजारीवाला मंदिर में शिवलिग स्वयंभू है। मंदिर का निर्माण मराठाकाल में होना बताया जाता है। मराठों ने गुलजारीवाला समेत चार शिवमंदिर बनाए थे। मंदिर में एक गुफा भी है, जो प्राचीनकाल में चारों मंदिरों को जोड़ने का काम करती थी। इस गुफा का द्वार आज भी देखा जा सकता है। मंदिर की विशेषता

खास बात यह भी है कि निर्माण इस तरह से किया गया है कि सूर्यदेव की पहली किरण सीधे शिवलिग पर पड़ती है। यह भी कहा जाता है कि महाभारतकाल में रणभूमि करुक्षेत्र जाते वक्त भगवान श्रीकृष्ण ने भी शिवलिग की पूजा की थी। श्रावण मास में हर सोमवार को शिवलिग का विशेष श्रृंगार होता है। कांवड़ियों के लिए भंडारा भी होता रहा है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार भी कांवड़ यात्रा स्थगित है।

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शिव की महिला अपरंपार है। गुलजारीवाला मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। हर दिन यहां श्रद्धालु आते हैं। सच्चे मन से शिवलिग का जलाभिषेक और आराधना करने वालों की भोलेनाथ मनोकामना पूरी करती हैं। यह मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना है।

-शैलेंद्र गिरी महाराज, महंत, सिद्धपीठ गुलजारी वाला मंदिर

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मैं रोजाना जलाभिषेक करने के लिए मंदिर जाता हूं। मन को असीम सुख व शांति की अनभूति होती है। शिव को भोलेनाथ यूं ही नहीं कहते हैं। वह तो भक्त द्वारा अर्पित जल की कुछ बूंद से ही प्रसन्न हो जाते हैं। गुलजारीवाला मंदिर बेहद प्राचीन और ऐतिहासिक है।

-विशाल मलिक, श्रद्धालु

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