नेहा बनी एक दिन की डीएम, सीडीओ बनी दृष्टि ने परखी व्यवस्था

जिले की बिटिया नेहा विश्वकर्मा व दृष्टि कश्यप के लिए सोमवार का दिन खास बन गया। नेहा को डीएम व सृष्टि को सीडीओ बनने का मौका मिला। नेहा डीएम की कुर्सी पर बैठी तो आपराधिक प्रकरण की एक फाइल सामने आते ही पुलिस अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए वहीं विकास भवन में सीडीओ से चार्ज लेते ही दृष्टि कश्यप ने विकास कार्यों की योजनाओं को लेकर अधिकारियों से सवाल कर दिशा-निर्देश दिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:13 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:13 PM (IST)
नेहा बनी एक दिन की डीएम, सीडीओ बनी दृष्टि ने परखी व्यवस्था
नेहा बनी एक दिन की डीएम, सीडीओ बनी दृष्टि ने परखी व्यवस्था

शामली, जेएनएन। जिले की बिटिया नेहा विश्वकर्मा व दृष्टि कश्यप के लिए सोमवार का दिन खास बन गया। नेहा को डीएम व सृष्टि को सीडीओ बनने का मौका मिला। नेहा डीएम की कुर्सी पर बैठी तो आपराधिक प्रकरण की एक फाइल सामने आते ही पुलिस अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए, वहीं विकास भवन में सीडीओ से चार्ज लेते ही दृष्टि कश्यप ने विकास कार्यों की योजनाओं को लेकर अधिकारियों से सवाल कर दिशा-निर्देश दिए।

सोमवार को शासन के निर्देश पर मिशन शक्ति के तहत नायिका मेगा इवेंट के मौके पर स्काटिश पब्लिक स्कूल शामली में कक्षा-12 की छात्रा एवं यूपी बोर्ड में प्रदेश में आठवीं रैंक प्राप्त कर मुख्यमंत्री से एक लाख का पुरस्कार हासिल करने वाली नेहा विश्वकर्मा को एक दिन का सांकेतिक जिलाधिकारी बनाया गया। दूसरी ओर आर्य वैदिक इंटर कालेज किवाना की छात्रा दृष्टि कश्यप को सीडीओ बनाया गया। जिले में पहले दृष्टि कश्यप को साढ़े दस बजे विकास भवन में सीडीओ शंभूनाथ तिवारी ने अपना चार्ज दिया। यहां दृष्टि ने सलीके से फाइलों को देखा और उन्हें समझते हुए योजनाओं की समीक्षा की। इसके उपरांत दृष्टि विकास भवन से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रम में डीएम जसजीत कौर व अन्य अफसरों के साथ वीवी डिग्री कालेज में पहुंची। यहां छात्र-छात्राओं को मतदाता शपथ दिलवाई। फिर वापस विकास भवन पहुंचकर विभाग की कार्यप्रणाली की उन्होंने अधिकारियों से जानकारी लेते हुए लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। यहां से एक बजे ऊन तहसील के लिए रवाना हुईं। विकास खंड पर उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थियों को सांसद प्रदीप चौधरी के साथ 223 को प्रमाण पत्र वितरित किए। यहां महिला विमला ने शिकायत की कि उसे आवास नहीं मिला है। इस पर सीडीओ ने आवास दिलाने के निर्देश दिए। थानाभवन में भी आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। दोपहर साढ़े तीन नेहा विश्वकर्मा को डीएम बनाया गया। डीएम जसजीत कौर ने कलक्ट्रेट में उन्हें चार्ज दिया। नेहा का कैमेस्ट्री का पेपर था, पेपर के बाद वह पिता प्रमोद के साथ पहुंची थी। यहां उन्होंने फरियादियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। चार बजे अधिकारियों की बैठक ली। उनके साथ ही यहां सीडीओ बनी दृष्टि भी साथ रही। यहां नेहा ने अधिकारियों को खाद्य विभाग की योजनाओं का सुचारू तरीके से संचालन के निर्देश दिए। इसके बाद हुई पोषण की बैठक में भी गर्भवती महिलाओं व बच्चों की योजनाओं से बेहतर तरीके स संचालन के निर्देश दिए। नेहा व दृष्टि पांच बजे तक चार्ज पर रहे। इस मौके पर दृष्टि ने अपने परिवार की चेक सबंधी समस्या भी बताई, इस पर सीडीओ ने त्वरित कार्रवाई के निस्तारण दिए।

नेहा डाक्टर, दृष्टि बनना चाहती है आइएएस

डीएम बनी नेहा की इच्छा चिकित्सा पेशे में जाने की है। उसका कहना है कि डाक्टर बनकर वह बेहतर उपचार देना चाहती है। इसके साथ ही दृष्टि कश्यप कहती है कि आज उसका सपना साकार हुआ है। वह भविष्य में आइएएस बनना चाहती है। दृष्टि के पिता का हो चुका निधन

दृष्टि कश्यप के एक दिन के लिए सीडीओ बनने पर माता सुदंरबाला, भाई अंशुल व बहन सृष्टि काफी खुश हैं। पिता विनोद का दो साल पहले कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो चुका है। माता कास्टमेटिक की दुकान से परिवार का पेट पाल रही है। दृष्टि की बहन सृष्टि बीटेक की छात्रा है। वहीं नेहा के पिता प्रमोद कुमार ड्राइवर हैं। वे अपनी दो बेटियों नेहा व खुशी को उच्च शिक्षा दिलाकर कामयाब करने में जुटे है। नेहा की बहन खुशी बीटेक कर रही है, जबकि माता पुष्पा गृहणी है। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों आज रहेंगी शामिल

डीएम जसजीत कौर ने दोनों बेटियों को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया है। आज नेहा विश्वकर्मा कलक्ट्रेट व दृष्टि विकास भवन में होने वाले कार्यक्रमों में मौजूद रहेगी। डीएम-सीडीओ ने भोजन पर भी किया आमंत्रित

डीएम जसजीत कौर व सीडीओ शंभूनाथ तिवारी ने बेटियों को भोजन पर आमंत्रित किया है। एक दिन दोनों को डीएम सीडीओ अपने घर साथ रहकर भोजन ग्रहण करेंगे, वहीं एक-एक दिन दोनों के घर लिसाढ़ व शामली पहुंचकर भोजन डीएम सीडीओ भी करेंगे।

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