आंदोलन से लौट आए अधिकांश किसान

ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली गए अधिकांश किसान हिसा के बाद अपने घर लौट आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 05:50 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 05:50 PM (IST)
आंदोलन से लौट आए अधिकांश किसान
आंदोलन से लौट आए अधिकांश किसान

शामली, जेएनएन। ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली गए अधिकांश किसान हिसा के बाद अपने घर लौट आए हैं।

पिछले दो माह से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। जिले से काफी किसान आंदोलन में जा रहे थे। कुछ लगातार वहीं पर डटे रहे तो कुछ आते-जाते रहे। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के लिए 24 और 25 जनवरी को काफी किसान गाजीपुर बार्डर पहुंचे थे। परेड के दौरान हिसा हुई तो अधिकांश किसान 26 जनवरी की शाम को ही वापस लौट आए थे। किसान नेताओं पर दिल्ली में मुकदमें दर्ज हुए तो बुधवार को भी कुछ किसान वहां से आ गए। अब जिले के बहुत कम किसान गाजीपुर बार्डर पर हैं। परेड में शामिल होने वाले किसानों को कार्रवाई का डर भी है। ऐसे में अधिकांश चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन लाल किले पर हुई घटना और हिसा को तो सभी बेहद गलत बता रहे हैं। सहटा के किसान अजय पंवार, बनत के किसान गुड्डु चौधरी, रेलपार के किसान पुष्पेंद्र आदि का कहना है कि उपद्रवियों ने किसान आंदोलन को बदनाम किया है। पारदर्शिता के साथ जांच होगी तो साजिश भी सामने आ जाएगी। हिसा होना बहुत गलत है और इससे कोई समाधान नहीं हो सकता है।

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बोले किसान..

26 जनवरी को ही घर आ गए थे। मैं और अन्य साथी किसान बीच-बीच में आंदोलन में जाते रहे। लाल किले पर जो हुआ, वह बेहद गलत था। हमारी मांग है कि तिरंगे का अपमान करने वालों और हिसा के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो। आंदोलन गाजीपुर बार्डर पर चलता रहेगा तो हम भी जाते रहेंगे।

-दीपक शर्मा पिछले दो माह में अधिकांश समय आंदोलन में रहा हूं। गुरुवार को सुबह ही गाजीपुर बार्डर से आया। आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची गई है। लेकिन किसान अपनी मांगों को आंदोलन पर बैठे हैं और आंदोलन चलता रहेगा तो उसमें शामिल होता रहूंगा।

-राजन जावला

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जवान भी अपना, किसान भी अपना: खाटियान

भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि बुधवार रात गाजीपुर बार्डर पर बिजली काट दी गई। पानी के टैंकरों भी नहीं आ रहे हैं। एक तरह से आंदोलन को दबाया जा रहा है। गुरुवार को भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हो गया है। एक तरह से तनावपूर्ण स्थिति है। सभी किसानों से अपील की गई है कि कोई भी हिसा करने के बारे में सोचेगा भी नहीं। किसान भी अपना है और जवान भी अपना है। शामली जिले के फिलहाल 25 किसान मौजूद हैं और अन्य दिनों में संख्या करीब सौ की होती थी।

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