स्वदेशी सामान से सज गए बाजार
दीपावली पर्व को लेकर बाजार सजने लगे है। इस बार लोगों में मेड इन इंडिया सामानों के लिए भारी उत्साह देखा जा रहा है। इसमें मिट्टी के दीपक छोटे मंदिर अटड़ी फैंसी दीये पंचमुखी दीये लक्ष्मी माता व भगवान गणेश की मूर्ति स्टैंड वाले दीये लालटेन रंगोली दीपक आदि शामिल हैं।
शामली, जागरण टीम। दीपावली पर्व को लेकर बाजार सजने लगे है। इस बार लोगों में मेड इन इंडिया सामानों के लिए भारी उत्साह देखा जा रहा है। इसमें मिट्टी के दीपक, छोटे मंदिर, अटड़ी, फैंसी दीये, पंचमुखी दीये, लक्ष्मी माता व भगवान गणेश की मूर्ति, स्टैंड वाले दीये, लालटेन, रंगोली दीपक आदि शामिल हैं। लोग दिवाली पर दीपक भी उपहार में देते हैं। उसके हिसाब से भी वैरायटी तैयार की गई है। वहीं घर को सजाने के लिए विभिन्न तरह की देशी सजावट के सामान भी बाजार में देखने को मिल रहे हैं। व्यापारियों ने करवाचौथ के दिन से दीपावली के लिए सामान से दुकान सजा दी है।
कोरोना सामान्य होने के बाद दीपावली करीब आते ही बाजार पूरी तरह सज गए हैं। इलेक्ट्रानिक और इलेक्ट्रिक उत्पाद का बाजार जगमग होने लगा है। बाजारों में रंग बिरंगी झालरों से दुकानें सजी नजर आई। इस बार भी स्वदेशी झालरों की अधिक चमक दिखाई दे रही है। उनकी मांग बढ़ी है। हालांकि, दस फीसद चाइनीज झालरें भी बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन ग्राहक इन्हें खरीदने से परहेज कर रहे हैं। रविवार को करवाचौथ से दीपावली की तैयारी शुरू हो गई है। करवाचौथ की दोपहर से शहर के नया बाजार, नाला पटरी, कबाड़ी बाजार, नेहरू मार्केट आदि बाजार खाली रहे और व्यापारी दुकानों पर दीपावली का सामान लगाते दिखाई दिए। ऐसे में झालर और फैंसी लाइटों व बल्बों के थोक व फुटकर बाजार में सबसे ज्यादा दमक है। बड़ा बाजार के व्यापारी नीरज गोयल ने बताया कि इस बाहर गुजराती, मुंबई और दिल्ली से दीपावली का सामान मंगाया है। इससे पहले सामान चीन से आता था। भारत-चीन सीमा पर तनाव के चलते इस बार बाजार में 90 फीसद स्वदेशी झालरों की मांग बढ़ी है। जबकि पहले यह ठीक उलट रहता था। दुकानदारों के मुताबिक, रोशनी से संबंधी अधिकतर लाइटें मेड इन दिल्ली, गुजरात से हैं। इनमें एलईडी, पिक्सल, राकेट शेप, झारना, स्टेप लाइटें जैसी झालरें दीपावली पर घरों प्रतिष्ठानों को जगमग करने के लिए उपलब्ध हैं।