आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं : नरेश टिकैत

जेएनएन शामली हालात यही रहे तो आंदोलन जल्द खत्म नहीं होगा। किसानों को चाहिए कि वे आंदोलन को दिनचर्या में शामिल करें। एक पैर खेत में तो दूसरा आंदोलनस्थल पर रखें। यह बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सोमवार को सिभालका गांव में कहीं। यहां भाकियू अध्यक्ष और अन्य कार्यकर्ताओं ने 1987 में शहीद हुए अकबर अली को उनकी कब्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:17 PM (IST)
आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं : नरेश टिकैत
आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं : नरेश टिकैत

जेएनएन, शामली : हालात यही रहे तो आंदोलन जल्द खत्म नहीं होगा। किसानों को चाहिए कि वे आंदोलन को दिनचर्या में शामिल करें। एक पैर खेत में तो दूसरा आंदोलनस्थल पर रखें। यह बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सोमवार को सिभालका गांव में कहीं। यहां भाकियू अध्यक्ष और अन्य कार्यकर्ताओं ने 1987 में शहीद हुए अकबर अली को उनकी कब्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

सिंभालका गांव में किसानों को संबोधित करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि आज किसान की परेशानी को केवल किसान ही समझ सकता है। एक तो अपना घर छोड़कर सड़कों पर उतरकर अपने हितों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। दूसरे सरकार आंदोलन को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। किसानों को तरह-तरह के नामों से पुकारा जा रहा है। लेकिन इतना होने के बावजूद भी हम हार मानने वाले नहीं हैं। वर्तमान सरकार को बहुत उम्मीदों के साथ वोट दिया था। लेकिन इस सरकार में पिछली सरकारों से भी ज्यादा निराशा हाथ लगी है। फिर भी हम अपना शांतिपूर्ण और अहिसात्मक आंदोलन जारी रखेंगे। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह तोमर, ब्लाक अध्यक्ष दीपक शर्मा, अनिल मलिक सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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धर्मयुद्ध का रूप ले चुका है यह आंदोलन

लिसाढ़ गांव में शहीद जयपाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन का विस्तार पूरे देश में हो चुका है। हर किसान अपनी जमीन, अपनी फसल को लेकर भयभीत है। आज गाजीपुर सहित अन्य बार्डरों पर भी देशभर से किसान जुट रहे हैं। भाजपा नेताओं के गांवों में किसानों के बीच जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि जब भी कोई नेता गांव में आए तो उनसे शांतिपूर्वक किसान मुद्दों पर बात की जाए। उन्होंने भाजपा नेताओं को गांव में भेजने की मंशा पर भी सवाल उठाया। नेताओं के गांव में आने पर किसान आंदोलन और कृषि बिलों के संबंध में बात की जा जाए। भारतीय किसान यूनियन हमेशा अराजनीतिक और अहिसात्मक आंदोलन करती आयी है। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के समय से ही आंदोलन बहुत अनुशासित रहे हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, अरविद मलिक सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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