यहां संसाधनों का अभाव, यातायात नियमों का कैसे हो पालन

यातायात नियमों का उल्लंघन कैसे रुके और उनका पालन किस तरह हो। जनपद में विभाग के पास संसाधनों का बड़ा अभाव है। यातायात पुलिसकर्मियों की कमी है तो वहीं शामली शहर में ही चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं हैं। वाहनों की फिटनेस जांचने के यंत्र न तो परिवहन विभाग के पास हैं और न ही यातायात पुलिस के पास। होमगार्ड की मदद से चौराहों पर ड्यूटी की जा रही है। संसाधनों के साथ ही कमी इच्छाशक्ति की भी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:52 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:52 PM (IST)
यहां संसाधनों का अभाव, यातायात नियमों का कैसे हो पालन
यहां संसाधनों का अभाव, यातायात नियमों का कैसे हो पालन

शामली, जागरण, टीम। यातायात नियमों का उल्लंघन कैसे रुके और उनका पालन किस तरह हो। जनपद में विभाग के पास संसाधनों का बड़ा अभाव है। यातायात पुलिसकर्मियों की कमी है तो वहीं शामली शहर में ही चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं हैं। वाहनों की फिटनेस जांचने के यंत्र न तो परिवहन विभाग के पास हैं और न ही यातायात पुलिस के पास। होमगार्ड की मदद से चौराहों पर ड्यूटी की जा रही है। संसाधनों के साथ ही कमी इच्छाशक्ति की भी है।

जिले में यह है व्यवस्था-

यातायात पुलिस-

दो दारोगा

बारह सिपाही

पांच दीवान

तीस होमगार्ड

पंद्रह पीआरडी जवान

-परिवहन विभाग-

एआरटीओ

परिवहन यात्री कर अधिकारी -

बिना फिटनेस वाले वाहन परेशानी का सबब जनपद में दौड़ने वाले वाहनों पर नजर दौड़ाई जाए तो देहात क्षेत्र में अधिकांश ऐसे वाहन देखने को मिलेंगे, जिनकी फिटनेस सही नहीं है। इन वाहनों में बाइक, कार, ट्रक, ट्रैक्टर-जुगाड़ बहुतायत संख्या में हैं। आए दिन इन वाहनों से हादसों की सूचना मिलती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस और परिवहन अधिकारी कोई कदम नहीं उठाते। इन वाहनों की फिटनेस सही रखने में एक बड़ी बाधा यह भी है कि जनपद में यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के पास न तो संसाधन है और कोई अधिकारी। सभी जनपदों में वाहनों की फिटनेस चेक करने के लिए एक परिवहन अधिकारी की अलग से तैनाती रहती है।

- आधुनिक उपकरण तो मिले, पर अभी भी कमी

यातायात पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए इसी वर्ष बाडी वार्न कैमरे, चालान काटने को ई-मोबाइल, गति जांचने को स्पीड राडार गन मिली है। जिन उपकरणों की जरूरत थी, वह अभी तक विभाग को नहीं मिले हैं। जनपद में यातायात पुलिस की बेहद कमी है। व्यवस्था बनाने के लिए 34 होमगार्ड की मदद ली जा रही है। देखा जाए तो नगर के आठ चौराहों-तिराहों पर प्रति दिन होने वाली समस्या के समाधान के लिए यातायात विभाग को कम से कम पंद्रह पुलिसकर्मियों की आवश्कता है। हाइवे पर हादसे वाले क्षेत्रों में चेतावनी साइन बोर्ड भी लगाने की जरूरत है। एक मात्र अजंता चौराहे पर लगी सिग्नल लाइट भी खराब पड़ी है।

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-इन्होंने कहा- हादसे न हो, इसके लिए कम शक्ति और संसाधन के बावजूद भी व्यवस्था बनाई है। विभागीय टीम की मदद के लिए 34 होमगार्ड का सहयोग लिया जा रहा है, जो उपकरण मिले हैं, उनसे कार्रवाई कर वाहन चालकों को चेतावनी भी दी जा रही है। चालान भी काटे जाते हैं, ताकि चालक नियमों का पालन करें।

भंवर सिंह, जिला यातायात पुलिस अधिकारी।

- - हाइवे पर हादसों पर नियंत्रण व नियमों का पालन कराने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। स्पीड राडार लगी गाड़ी से तेज रफ्तार पर लगाम लगाई जा रही है।

-मुंशीलाल, एआरटीओ।

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