शहर में जाम बरकरार, राहत को अभी इंतजार

शहर में गन्ना लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार कम नहीं हुई है। जाम के झाम ने लोगों को हलकान किया हुआ है। अभी दो से तीन दिन तक राहत की उम्मीद नहीं है। भले ही इंडेंट जारी नहीं हुआ हो पर किसान लगातार गन्ना लेकर आ रहे हैं। गेहूं कटाई और पंचायत चुनाव के कारण अप्रैल में गन्ने की आवक कम रही थी। जारी इंडेट के सापेक्ष कम गन्ना आया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:21 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 10:21 PM (IST)
शहर में जाम बरकरार, राहत को अभी इंतजार
शहर में जाम बरकरार, राहत को अभी इंतजार

जेएनएन, शामली। शहर में गन्ना लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार कम नहीं हुई है। जाम के झाम ने लोगों को हलकान किया हुआ है। अभी दो से तीन दिन तक राहत की उम्मीद नहीं है। भले ही इंडेंट जारी नहीं हुआ हो, पर किसान लगातार गन्ना लेकर आ रहे हैं। गेहूं कटाई और पंचायत चुनाव के कारण अप्रैल में गन्ने की आवक कम रही थी। जारी इंडेट के सापेक्ष कम गन्ना आया। लेकिन दो मई से शहर में ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार लगी है। तीन दिन मिल में खराबी भी रही। बुधवार को मिल गेट से लेकर फव्वारा चौक, धीमानपुरा फाटक, हनुमान धाम होते हुए बुढ़ाना रोड तक लाइन लगी रही। अपर दोआब चीनी मिल के वरिष्ठ प्रबंधक (गन्ना) दीपक राणा का कहना है कि गन्ने की आवक में कमी आई है। जाम जल्द खत्म हो सकता है। हालांकि पेराई सत्र समापन की तिथि अभी तय नहीं है। वहीं, सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव मुकेश राठी ने बताया कि इंडेंट जारी नहीं हुआ है, लेकिन गन्ना एप के माध्यम से किसान पर्चियों की तिथि तय कर लेते हैं। स्वीकृति समिति को देनी होती है। अगर स्वीकृति नहीं देंगे तो किसान की पर्ची खराब हो जाएगी। इस कारण थोड़ी दिक्कत है। दो-तीन दिन का ही अब गन्ना बचा हुआ है।

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अभी से हो तैयारी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग का कहना कि चीनी मिल चलने के दौरान लगने वाले जाम का हल निकलना चाहिए। तमाम बैठकों में समस्या उठाई जा चुकी है। मिल रोड क्षेत्र के सभासद पंकज गुप्ता का कहना है कि मिल गेट पर गन्ना न लिया जाए और शहर से बाहर क्रय केंद्र लगाए जाएं। यही समाधान है और प्रशासन को अभी से तैयारी करनी चाहिए। नवंबर से मई-जून तक पूरा शहर परेशान रहता है।

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