निजी अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी की कोरोना जांच जरूरी नहीं

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी बंद है और ऐसे में निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य नहीं है लेकिन अगर किसी में लक्षण हों और मरीज गंभीर हो तो पहले प्राथमिक उपचार दिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:06 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:06 PM (IST)
निजी अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी की कोरोना जांच जरूरी नहीं
निजी अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी की कोरोना जांच जरूरी नहीं

शामली, जागरण टीम। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी बंद है और ऐसे में निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर किसी में लक्षण हों और मरीज गंभीर हो तो पहले प्राथमिक उपचार दिया जाता है। इसके बाद स्थिति के अनुसार जांच के लिए कहा जा रहा है। किसी भी प्रकार के आपरेशन से पहले मरीज की कोरोना जांच जरूरी है।

कैराना रोड स्थित एक अस्पताल के संचालक कुशांक चौहान ने बताया कि किसी मरीज को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो और अन्य कोई कोरोना का लक्षण हो तो कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही उपचार किया जाता है। प्राथमिक उपचार के बाद कोरोना जांच कराने के लिए कहते हैं। रिपोर्ट निगेटिव आती है तो भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया जाता है। रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन के अनुसार उपचार देता है।

बुढ़ाना रोड स्थित एक अस्पताल के संचालक डा. पंकज गर्ग ने बताया कि कोरोना जांच रिपोर्ट की वजह से उपचार में कोई विलंब नहीं किया जाता है।

सीएमओ डा. संजय अग्रवाल का कहना है कि निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हुए हैं कि अगर किसी मरीज का आपरेशन करना है तो पहले आरटी-पीसीआर जांच कराएं। कोरोना लक्षण वाले मरीजों की भी जांच कराने के लिए कहा गया है। सभी अस्पतालों को पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। निजी और सरकारी चिकित्सकों के नंबर टेलीमेडिसिन के लिए जारी किए हुए हैं। सभी से अपील है कि अगर स्वास्थ्य संबंधित सामान्य दिक्कत हो तो फोन पर ही परामर्श लें।

chat bot
आपका साथी