अमानवीय व्यवहार-पुलिस अभिरक्षा में मौत पर नपेंगे पुलिसकर्मी
पुलिस के अमानवीय व्यवहार और पुलिस अभिरक्षा में मौत के मामलों को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। हिरासत में लिए गए व्यक्ति के साथ मारपीट का आरोप पुलिस पर लगता रहता है। मारपीट से पुलिस अभिरक्षा में मौत की भी आशंका बनी रहती है।
शामली, जागरण टीम। पुलिस के अमानवीय व्यवहार और पुलिस अभिरक्षा में मौत के मामलों को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। हिरासत में लिए गए व्यक्ति के साथ मारपीट का आरोप पुलिस पर लगता रहता है। मारपीट से पुलिस अभिरक्षा में मौत की भी आशंका बनी रहती है। इस प्रकार की घटनाएं अमानवीयता की परिचायक हैं। डीजीपी ने पुलिस को व्यवहार में बदलाव व मानवाधिकारों का पालन करने के आदेश जारी किए हैं।
यह किसी से छिपा नहीं है कि पुलिस अभिरक्षा में किसी व्यक्ति की मौत से जहां एक और पुलिस की छवि धूमिल होती है। वहीं कानून एवं व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अभिरक्षा में मृत्यु, अति संवेदनशील एवं अमानवीय अपराध है। ऐसी घटनाओं में पुलिसकर्मी हत्या जैसे संगीन अपराध के दोषी बन जाते हैं। उन्हें वैधानिक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है। इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिए डीजीपी मुकुल गोयल ने कदम उठाया है। डीजीपी ने आदेश जारी किए हैं कि पुलिस अपने व्यवहार में शालीनता बरते। पुलिस अभिरक्षा में व्यक्ति का समुचित ध्यान रखा जाए। हवालात में पहले ही देख लिया जाए कि वहां पर ऐसी कोई भी वस्तु अथवा साधन उपलब्ध न हो, जो हवालात में व्यक्ति को आत्महत्या करने में मददगार हो सके। यह भी आदेश दिया गया कि मुकदमे से संबंधित पकड़े आरोपित के बारे में मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन को पूरा किया जाए। इन्होंने कहा-
डीजीपी के आदेशों से जनपद के सभी थाना प्रभारियों को अवगत करा दिया है। आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
सुकीर्ति माधव, पुलिस अधीक्षक