जिले में बढ़ा धान का रकबा

लॉकडाउन में किसानों को मंडी में सब्जियों के कोड़ियों के भाव मिले। फूल उत्पादक किसानों को पूरी फसल नष्ट हो गई। अब लॉकडाउन नहीं है लेकिन कोरोना का प्रकोप है। ऐसे में किसानों ने सब्जी और फूल की खेती से किनारा किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Aug 2020 10:24 PM (IST) Updated:Sun, 16 Aug 2020 10:24 PM (IST)
जिले में बढ़ा धान का रकबा
जिले में बढ़ा धान का रकबा

शामली, जेएनएन। लॉकडाउन में किसानों को मंडी में सब्जियों के कोड़ियों के भाव मिले। फूल उत्पादक किसानों को पूरी फसल नष्ट हो गई। अब लॉकडाउन नहीं है, लेकिन कोरोना का प्रकोप है। ऐसे में किसानों ने सब्जी और फूल की खेती से किनारा किया है। इस कारण धान का रकबा 636 हेक्टेयर बढ़ गया है, क्योंकि इसकी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी क्रय केंद्रों होगी।

सब्जियों और फूल की खेती में जोखिम होता है। लॉकडाउन की मार के बाद किसानों ने जोखिम उठाना मुनासिब नहीं समझा। गत वर्ष जिले में धान का रकबा 20536 हेक्टेयर था। गत चार साल से ही करीब-करीब यही स्थिति थी। इस बार धान की फसल का क्षेत्रफल 21172 हेक्टेयर है।

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धान का रकबा

वर्ष, क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)

2020-21, 21172

2019-20, 20536

2018-19, 20341

2017-18, 20442

2016-17, 20441

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अधिकांश किसानों ने लगाई मोटे धान की फसल

शामली गंगा-यमुना का दोआब है। ऐसे में यहां की भूमि अधिक उपजाऊ है और जलवायु बासमती धान के लिए अनुकूल भी है। लेकिन अधिकांश किसानों ने मोटे धान की फसल लगाई है। इसक कारण ये है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर मोटा धान ही खरीदा जाता है। बासमती बेचने के लिए किसानों को हरियाणा का रुख करना पड़ता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. विकास मलिक ने बताया कि हमारा क्षेत्र अच्छी बासमती के उत्पादन के लिए मुफीद है। यहां की बासमती में सुगंध बहुत होती है और ऐसा चावल एक्सपोर्ट हो सकता है।

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बोले किसान

लॉकडाउन में पत्ता गोभी की फसल खुद नष्ट करनी पड़ी थी। गोभी बेचकर जो पैसा मिल रहा था, उससे मजदूरी का खर्च भी नहीं निकल रहा था। अगर कोरोना काल न होता तो बंद गोभी लगाते, लेकिन इस बार धान की रोपाई कर दी है। कम से कम निर्धारित दाम मिलेंगे और बेचने में भी दिक्कत नहीं होगी।

-फरीद अहमद सब्जियों की फसल में इस बार बहुत अधिक नुकसान हुआ है, इसलिए सब्जी लगाने के बजाय धान लगाने का फैसला किया। कम से कम ये तो दिक्कत नहीं रहेगी कि दाम कम मिलेगा या ज्यादा। जो भी दाम निर्धारित होंगे, उस पर बिक जाएगा और अब तो कुछ दिन में ही पैसा खाते में आ जाता है।

-चौधरी विपिन सारण

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