बढ़ा स्माग असर, दोपहर तक आसमान में रही सफेद चादर

शामली जेएनएन। ज्यों-ज्यों ठंड बढ़ रही है। स्माग भी लगातार अपना कहर बढ़ाता जा रहा है। बढ़ रही सर्दी के साथ ही मौसम में नमी आने से प्रदूषण आसमान में स्मॉग का रूप ले रहा है। स्माग सायं में आसमान में छाने लगता है और सुबह देर तक इसका असर रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 05:46 PM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 05:46 PM (IST)
बढ़ा स्माग असर, दोपहर तक आसमान में रही सफेद चादर
बढ़ा स्माग असर, दोपहर तक आसमान में रही सफेद चादर

शामली, जेएनएन।

ज्यों-ज्यों ठंड बढ़ रही है। स्माग भी लगातार अपना कहर बढ़ाता जा रहा है। बढ़ रही सर्दी के साथ ही मौसम में नमी आने से प्रदूषण आसमान में स्मॉग का रूप ले रहा है। स्माग सायं में आसमान में छाने लगता है और सुबह देर तक इसका असर रहता है। हालांकि धूप निकलने के साथ ही धीरे धीरे स्मॉग का असर कम हो जाता है। यह सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को भी सुबह देर तक आसमान में स्माग की चादर फैली रही। जिससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कत महसूस होती रही। वहीं वाहन सवारों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार को रात्रि में भी स्माग आसमान में छाया रहा। वही यह सिलसिला सोमवार को करीब साढे ग्यारह बजे के बाद तक जारी था। इससे लोगो को आंखों में जलन व सांस लेने में भी तकलीफ होती रही। हर साल हम स्मॉग की स्थिति से निपटने के लिए अफसर तमाम तरीकों से वायु प्रदूषण को मात देने के दावे करते है। लेकिन स्मॉग हर साल बढ़ ही रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि प्रदूषण से निजात दिलाने के गन्ने की पत्ती व पराली के साथ कूड़ा करकट जलाने पर सख्ती से रोक लगा रखी है। सोमवार को स्माग का असर काफी देखने को मिला है। हालांकि 10 बजे के बाद बढ़ती धूप के साथ ही स्माग कम होने लगा, लेकिन बीच बीच में सूर्य देव के छिपने से स्मॉग दिखता रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डीसी पांडेय ने बताया कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। शामली वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 से ऊपर तक पहुंच चुका है। यह स्थिति और बढ़ सकती है।

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