पेटीएम, गूगल-पे से सज रही सुरा की महफिल
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 हाईटेक हो चुका है। इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रचार और आनलाइन बैंकिंग के माध्यम से दावत। शराब-कबाब की दावत सजाने में पुलिस की सख्ती आड़े आई तो इसका विकल्प बन गए पेटीएम समेत अन्य एप। यानी काम भी चौकस और कानोंकान किसी को खबर भी नहीं।
जेएनएन, शामली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 हाईटेक हो चुका है। इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रचार और आनलाइन बैंकिंग के माध्यम से दावत। शराब-कबाब की दावत सजाने में पुलिस की सख्ती आड़े आई तो इसका विकल्प बन गए पेटीएम समेत अन्य एप। यानी, काम भी चौकस और कानोंकान किसी को खबर भी नहीं। अपनी पसंद की शराब या अन्य चीजें खरीदने की सहूलियत के चलते वोटरों को भी यह नया तरीका खूब रास आ रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा की जा रही दावतों पर पुलिस सख्ती कर रही है। तमाम स्थानों पर शराब आदि सामग्री पकड़ी जा चुकी हैं। विभिन्न जिलों में मुकदमे भी दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में दावेदारों के साथ वोटरों को भी असुविधा हो रही थी। मतदाताओं तक शराब पहुंचाने में काफी रिस्क भी है।
दावेदारों ने इससे बचने का सुरक्षित रास्ता खोज निकाला है। अब वोटरों की दावत का खर्च सीधा यूपीआइ, पेटीएम, गूगल पे, भीम एप से उनके खाते में ट्रांसफर किया जा रहा हैं। वोटरों के पास फोन काल कर पूछा जाता है। उनका मैसेज मिलते ही खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
अपने खाते से नहीं ट्रांसफर करते दावेदार
दावेदारों ने अपने कुछ खास समर्थकों को चुन रखा है। उन्हीं के खातों से वोटरों के खातों में धनराशि ट्रांसफर कराई जाती है। बाद में दावेदार अपने खास समर्थकों को नकद भुगतान कर हिसाब बराबर कर लेते हैं। ऐसा इसलिए कि जांच में दावेदार का एकाउंट सर्च न हो जाए।
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समर्थकों का भी खासा ख्याल
जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी व प्रधान पद के उम्मीदवार अपने समर्थकों का पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं। सुबह चाय-नाश्ता से लेकर रात्रि भोजन तक का इंतजाम है। इसके लिए भी होटल व ढाबों पर भी पेटीएम के माध्यम से भुगतान करा दिया जाता है, ताकि समर्थकों को कैश न देना पड़े। इन्होंने कहा..
चुनाव में पेटीएम से दावत के लिए धनराशि ट्रांसफर करने जैसा कोई प्रकरण या शिकायत फिलहाल नहीं मिली है। यदि ऐसा हुआ तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के नियम-कायदों के अनुसार ही चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। इनका उल्लंघन कतई बर्दास्त नहीं होगा।
- अरविद कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी शामली