दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो भरा रहे पालिका का खजाना

विकास कार्यों को लेकर नगर पालिका अक्सर बजट की कमी का रोना रोती है। पालिका के पास आय के तमाम साधन मौजूद हैं लेकिन इसे निजी स्वार्थ कहें या लापरवाही कि आय बढ़ाने के लिए गंभीरता किसी स्तर पर नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:12 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:12 PM (IST)
दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो भरा रहे पालिका का खजाना
दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो भरा रहे पालिका का खजाना

शामली, जागरण टीम। विकास कार्यों को लेकर नगर पालिका अक्सर बजट की कमी का रोना रोती है। पालिका के पास आय के तमाम साधन मौजूद हैं, लेकिन इसे निजी स्वार्थ कहें या लापरवाही कि आय बढ़ाने के लिए गंभीरता किसी स्तर पर नहीं है।

अब खुद ही देख लीजिए, 21 साल में एक बार भवन एवं जल कर के दाम बढ़े हैं। डोर टू डोर कूड़ा संग्रह के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। सरकार की मंशा है कि नगर पालिका की आय बढ़े, लेकिन अभाव राजनीतिक इच्छाशक्ति का है। भवन एवं जल कर सवा तीन करोड़

शामली शहर में भवन एवं जल कर (टैक्स) 30 हजार से अधिक घरेलू भवन एवं करीब तीन हजार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से लिया जाता है। कुल डिमांड 3.20 करोड़ होती है। सितंबर माह तक तो भवन एवं जल कर में पांच-पांच फीसद की छूट रहती है। अक्सर छूट की अवधि को आगे बढ़ा दिया जाता है। इसके बाद भी 85 से 90 फीसद तक ही वसूली हो पाती है। टैक्स की आपत्ति नहीं है लंबित

तीन साल पहले नगर पालिका ने टैक्स का पुनर्निर्धारण कर बढ़ोतरी की थी। तब काफी आपत्ति आई थी और तब निस्तारण के लिए कमेटी बनी थी। फिलहाल कोई आपत्ति नहीं है। ज्यादातर आपत्ति किराएदार के टैक्स से संबंधित होती है। कूड़ा जलाने पर सिर्फ एक कार्रवाई

शहर में कूड़ा खूब जलाया जाता है। लोग गंदगी भी खूब फैलाते हैं। नगर पालिका के पास जुर्माना वसूलने का अधिकार है, लेकिन कोई कुछ नहीं करता है। दो साल पहले कैराना रोड पर एक बरातघर संचालक से पांच हजार रुपये जुर्माना वसूल भी किया गया था। यह भी तब हुआ था, जब एसडीएम ने कूड़ा जलता हुआ पकड़ा था और मौके पर पालिका की टीम को बुलाया था। एक साल पहले कूड़ा सार्वजनिक स्थान पर डालने पर पांच दुकानदारों को नोटिस तो थमाए गए, पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। जुर्माना शून्य

जी हां। कोई बिना अनुमति सड़क खोद दे या कहीं पर बोर्ड-होर्डिंग लगा दे तो नगर पालिका को जुर्माना वसूलने का पूरा अधिकार है, लेकिन पालिका प्रशासन ने इस बाबत कोई जुर्माना नहीं वसूला। लाइसेंस मद में होती है 5 लाख की आय

अस्पताल, नर्सिंग होम आदि और शराब ठेके के लिए नगर पालिका से लाइसेंस लेने की जरूरत होती है। पहले मीट प्लांट-दुकान आदि के लाइसेंस भी पालिका से जारी होते थे, जो अब खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस मिलता है। ठेकेदारी लाइसेंस से भी आय होती है। लाइसेंस मद अनुमानित आय पांच लाख रुपये से अधिक सालाना है। कुत्ता पालने की कोई गाइडलाइन नहीं

कुत्ता पालने पर भी लाइसेंस का प्रावधान है, लेकिन शामली में ऐसी व्यवस्था को लागू ही नहीं किया गया है, जबकि बड़ी संख्या में लोग कुत्ते पालते हैं। अगर लाइसेंस की व्यवस्था लागू होगी तो पालिका की आमदनी बढ़ेगी और कुत्तों का रिकार्ड भी होगा। शहर में नहीं कोई पार्किंग

शहर में कोई पार्किंग नहीं है और यह शहर की बड़ी समस्या भी है। पार्किंग होने से पालिका की कमाई भी होगी, लेकिन इस संबंध में जगह न होने का रोना रोया जाता है। हालांकि कैराना रोड पर अवैध रूप से टैक्सी पार्किंग सड़क किनारे होती है। 2018 में हुई थी वृद्धि

नगर ने वर्ष 2018 में सर्वे कराया था और भवन एवं जल कर में बढ़ोत्तरी की गई थी। घरों से 2-2 रुपये प्रतिगज और व्यवसायिक भवनों से 10-10 रुपये प्रतिगज जल एवं भवन कर लेना तय किया था। पहले घरों से 1.10 -1.10 रुपये और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 4.40-4.40 रुपये प्रतिगज की दर से टैक्स लिया जाता था। गृह एवं जल कर की दर

घरेलू, 02 रुपये प्रतिगज

व्यावसायिक, 10 रुपये प्रतिगज

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टैक्स चोरी रोकने और इच्छाशक्ति की जरूरत

नगर पालिका शामली के वरिष्ठ सभासद आशुतोष पंवार का कहना है कि नगर पालिका की आय को बढ़ाने के लिए सबसे अधिक जरूरी है टैक्स प्रणाली को बेहतर और पारदर्शी बनाना। टैक्स बचाने के लिए लोग भवन का क्षेत्रफल कम दर्ज करवाते हैं। किरायेदार का टैक्स को हटवाने के लिए सिफारिश भी लगाई जाती हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करने की जरूरत है। जनता साथ दे तो और बेहतर काम हो सकता है। नगर पालिका की आय बढ़ेगी तो जनता को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। तीन साल पहले 18 साल बाद भवन एवं जल कर बढ़ा था। उस समय खूब विरोध हुआ था। आय को बढ़ाने के लिए पालिका को खाली पड़ी भूमि पर काम्प्लेक्स आदि बनाने चाहिए, जिससे किराये की मासिक आमदनी होती रही। पालिका के कईं भवन का प्रयोग प्रशासन और पुलिस विभाग कर रहा है, जिनका किराया भी तय होना चाहिए। होर्डिंग लगाने के मानकों का पूर्णत: पालन सुनिश्चित हो, जिससे पालिका की आय भी बढ़ेगी। न्यूमरिक

-3.20 करोड़ रुपये सालाना कुल भवन एवं जल कर बैठता है।

-90 फीसद तक हो पाती है वसूली

- 5 फीसद की टैक्स में दी जाती है छूट

-5 लाख सलाना की लाइसेंस मद में हो जाती है आमदनी

- 5 हजार रुपये का कूड़ा जलाने पर वसूला गया जुर्माना

-18 साल बाद तीन साल पहले हुई थी भवन एवं जल कर में वृद्धि नगर पालिका की आय बढ़ाने के लिए जल मूल्य वसूली का प्रस्ताव आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। हालांकि निर्णय तो बोर्ड को ही लेना है।

-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका शामली

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