घर में आइसोलेट हैं तो बरतें पूरी सावधानी

शामली जेएनएन अब कोरोना संक्रमित काफी मरीजों को घर में ही आइसोलेट किया जा रहा है। मरीज के लिए स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन हैं और सभी का पालन बेहतर ढंग से करना चाहिए। पहले तो सभी मरीजों को कोविड चिकित्सालय में भर्ती किया जाता था। लेकिन पिछले कुछ माह से व्यवस्था ये है कि अगर किसी मरीज में लक्षण नहीं है और घर में अलग कमरा-शौचालय है तो चिकित्सालय में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:47 PM (IST)
घर में आइसोलेट हैं तो बरतें पूरी सावधानी
घर में आइसोलेट हैं तो बरतें पूरी सावधानी

शामली, जेएनएन: अब कोरोना संक्रमित काफी मरीजों को घर में ही आइसोलेट किया जा रहा है। मरीज के लिए स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन हैं और सभी का पालन बेहतर ढंग से करना चाहिए। पहले तो सभी मरीजों को कोविड चिकित्सालय में भर्ती किया जाता था। लेकिन पिछले कुछ माह से व्यवस्था ये है कि अगर किसी मरीज में लक्षण नहीं है और घर में अलग कमरा-शौचालय है तो चिकित्सालय में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।

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ये बरतें सावधानी

सीएमओ डा. संजय भटनागर ने बताया कि घर में आइसोलेट मरीज को हर वक्त त्रिस्तरीय मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। एक मास्क को आठ घंटे तक प्रयोग करने के लिए कहा गया है। मरीज जिस कमरे में रहते हैं, उसके फर्श, मेज, दरवाजे, कुंडी आदि को एक फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट से विसंक्रमित करना होता है। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखने के लिए तरल पदार्थ का अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दी जाती है। आक्सीमीटर और थर्मामीटर रखना जरूरी है। दिन में सुबह और शाम आक्सीजन स्तर और तापमान को नापना होता है। कंट्रोल रूम से प्रतिदिन फोन किया जाता है और जानकारी ली जाती है। रैपिड रेस्पांस टीम भी निगरानी करती हैं।

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किसी बीमारी का चल रहा उपचार तो ले सकते हैं दवा

रैपिड रेस्पांस टीम के सहायक नोडल अधिकारी डा. शौर्य मलिक ने बताया कि काफी संक्रमित पहले से शुगर, रक्तचाप, हृदय की बीमारी से ग्रस्त होते हैं। उक्त बीमारियों से संबंधित दवा वह लेते रहते हैं। आइसोलेट करने से पहले मरीज से पूरी जानकारी ली जाती है और उन्हें उसी हिसाब से दवा दी जाती है। घर में आइसोलेट किए मरीजों को कंट्रोल रूम के चार नंबर दिए जाते हैं।

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ये भी रखें ध्यान

चिकित्सक डॉ. रीतिनाथ शुक्ला ने बताया कि पहले तो बीमारियां हैं, उनका उपचार जिस चिकित्सक का चल रहा है, उनसे भी संपर्क में बनाए रखें। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पूरी तरी पालन करें। खानपान पौष्टिक रखें और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। अपने कमरे में रहें और किताबें पढ़ें या फिर फोन पर दोस्तों, परिचितों से बात करें। चिकित्सक के सलाह के बगैर दवा नहीं लेनी चाहिए। अगर सांस लेने में दिक्कत है या बुखार आ गया है तो कंट्रोल रूम को सूचना दें। तनाव न लें और सकारात्मक सोचें।

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