नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे अस्पताल

कांधला कस्बे में नियमों को तोड़कर खुलेआम अस्पताल चलाए जा रहे हैं। यहां अल्ट्रासाउंड सेंटर भी बिना पंजीकरण के चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे यह खेल धड़ल्ले से जारी है। मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी चुप्पी साधे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 10:36 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 10:36 PM (IST)
नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे अस्पताल
नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे अस्पताल

शामली, जेएनएन : कांधला कस्बे में नियमों को तोड़कर खुलेआम अस्पताल चलाए जा रहे हैं। यहां अल्ट्रासाउंड सेंटर भी बिना पंजीकरण के चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे यह खेल धड़ल्ले से जारी है। मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी चुप्पी साधे हैं।

कस्बे में कई जगहों पर अवैध तरीके से निजी अस्पताल चलाए जा रहे हैं। अस्पतालों में न तो ट्रेंड डाक्टर हैं और न ही कोई रजिस्ट्रेशन है। कस्बे के कई जगहों पर अवैध तरीके से अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाए जा रहे हैं। गंगेरू रोड पर एक अल्ट्रासाउंड की दुकान के बाहर न तो किसी डाक्टर का नाम लिखा है, ओर न ही कोई डिग्री। मरीजों की माने तो कुछ दिन पहले एक महिला अपना अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए आई थी। महिला नौ माह की गर्भवती थी। उसके पेट में जुडवां बच्चे थे। जब महिला ने अल्ट्रासाउंड करवाया, मौके पर मौजूद डाक्टर ने एक बच्चा बताते हुए रिपोर्ट उनके हाथ में सौंप दी। आनन-फानन में महिला व उसके परिजन उस डाक्टर के पास पहुंचे। जिस डाक्टर के यहां महिला का इलाज चल रहा था। डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड संचालक को फोन कर महिला के पेट में दो बच्चे होने की जानकारी दी। उसके बाद संचालक ने महिला मरीज के परिजनों को रिपोर्ट लेकर बुलाया। संचालक ने पहली रिपोर्ट फाड़ दी और दूसरी रिपोर्ट बनाकर दी। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। सेंटर पर रिपोर्ट बनाने के बाद उन पर किसी प्रकार के हस्ताक्षर भी नहीं किए जाते हैं। नियम की बात करें तो एमबीबीएस डीएमआरडी रेडियोलाजिस्ट डाक्टर ही अल्ट्रासाउंड कर सकता है। अस्पताल के लिए मरीजों को भर्ती करने के लिए एमबीबीएस डाक्टर होना जरूरी है। गंगेरू रोड पर आधा दर्जन अवैध एक्सरे मशीन लगी हैं। इनके द्वारा मरीजों को केवल एक्सरे दिया जाता है, रिपोर्ट नहीं। बिना डिग्रीधारी महिला डाक्टर यहां मरीजों को देख रही हैं। महिलाओं की डिलीवरी से लेकर गर्भपात तक यहां बेखौफ कराया जा रहा है। पिछले माह लोगों ने एक मामले की शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन उन्होंने मौके पर जाकर खानापूर्ति कर एक कमरे को सील कर दिया। इसके बाद संबंधित केन्द्र पर बाकी कमरों में मरीजों का उपचार किया जा रहा है। सिस्टम सब कुछ जानने के बाद भी अंजान बना हुआ है। सीएमओ डा. वीर बहादुर ढाका ने बताया कि इस बारे में जांच कर छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी।

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