बेमौसम बारिश ने बढ़ाई परेशानी, किसान बेहाल
बारिश ने किसानों की परेशानी को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। धान की फसल को पहले ही नुकसान हो चुका था और रविवार की बारिश से तो बची-खुची उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं। धान की गुणवत्ता खराब होगी और मंडियों में भाव भी कम मिलेगा। ऐसे में लागत खर्च भी निकलने की उम्मीद किसानों को नहीं है।
शामली, जागरण टीम। बारिश ने किसानों की परेशानी को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। धान की फसल को पहले ही नुकसान हो चुका था और रविवार की बारिश से तो बची-खुची उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं। धान की गुणवत्ता खराब होगी और मंडियों में भाव भी कम मिलेगा। ऐसे में लागत खर्च भी निकलने की उम्मीद किसानों को नहीं है।
सितंबर के आखिर में धान की अगेती फसल की कटाई शुरू हो गई थी। लेकिन अक्टूबर में अब तक काफी बारिश हुई है। काफी धान खेतों में कटा पड़ा था और काफी खेतों में खड़ा था। रविवार शाम तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई। खेतों में तैयार खड़ी फसल पूरी तरह गिर गई है और कटी पड़ी फसल को भी भारी नुकसान है। कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि फसल गिरने से पके दाने जमीन पर गिर जाते हैं। साथ ही भीगने से दानों की चमक कम हो जाती है। कटी फसल के दानों में सड़न की समस्या भी आएगी। बासमती की काफी पैदावार यहां होती है, जिसकी बिक्री किसान हरियाणा की मंडियों में करते हैं, लेकिन गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी तो दाम कम ही मिलेंगे। वहीं, तेज हवा से गन्ने की फसल भी गिर गई है। इससे गन्ना उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। इसी तरह सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। किसान तो वैसे ही परेशान रहता है। इस बार धान की फसल अच्छी थी, लेकिन बारिश ने सभी उम्मीदों को खत्म कर दिया है। धान की फसल पूरी तरह गिर गई है।
-रकम सिंह, जलालाबाद धान, गन्ना और सब्जियों सभी फसलों पर मौसम की मार पड़ी है। पिछले सप्ताह की बारिश में ही काफी नुकसान हो गया था। अब तो रही-सही कसर भी पूरी हो गई।
-बबलू सैनी, जलालाबाद फसलों को कितना भी नुकसान होता रहे लेकिन किसान को कभी मुआवजा नहीं मिलता है। प्रशासन को ठीक तरह से नुकसान का आंकलन करना चाहिए।
-जनेश्वर, पठानपुरा गांव धान की फसल को सबसे अधिक नुकसान है। पता नहीं अब धान की खरीद मंडी में होगी भी या नहीं। साथ ही बारिश के चलते चीनी मिल चलने में भी देरी हो रही है।
-मोनू कश्यप, टोड़ा गांव