श्रद्धाभाव से मनाया गया गुरु गोविद सिंह प्रकाश पर्व

शामलीजेएनएन सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं तबे गोविद सिंह नाम कहाऊं। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविद सिंह का प्रकाश पर्व बुधवार को श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई। शहर स्थित गुरुद्वारे में सुबह गुरुवाणी के अखंड पाठ का समापन हुआ। वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह के जयकारे गुंजायमान हो उठे। इस दौरान डीएम जसजीत कौर और एसपी सुकीर्ति माधव ने गुरु का अटूट लंगर भी छका।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:31 PM (IST)
श्रद्धाभाव से मनाया गया गुरु गोविद सिंह प्रकाश पर्व
श्रद्धाभाव से मनाया गया गुरु गोविद सिंह प्रकाश पर्व

शामली,जेएनएन : सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबे गोविद सिंह नाम कहाऊं। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविद सिंह का प्रकाश पर्व बुधवार को श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई। शहर स्थित गुरुद्वारे में सुबह गुरुवाणी के अखंड पाठ का समापन हुआ। वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह के जयकारे गुंजायमान हो उठे। इस दौरान डीएम जसजीत कौर और एसपी सुकीर्ति माधव ने गुरु का अटूट लंगर भी छका।

गुरु सिंह सभा, शामली के महासचिव राजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गुरु गोविद सिंह का पूरा जीवन संघर्षों से भरा रहा। गुरु जी को अपने जीवन काल में जुर्म के खिलाफ 14 लड़ाइयां लड़नी पड़ी। इन सभी में गुरु जी को जीत मिली। कश्मीरी पंडितों ने परेशान होकर अपनी व्यथा सुनाई तो गुरु जी ने उनकी रक्षा की। पटना में जन्मे गुरु जी ने धर्म की रक्षा के लिए पूरे भारत का भ्रमण किया। गुरु गोविद सिंह अपने पिता गुरु तेग बहादुर के पदचिह्नों पर चले। माता गुजरी की धार्मिक प्रवृत्ति का भी उन पर विशेष प्रभाव पड़ा। गुरुद्वारा हरमंदर साहिब अमृतसर से आए ज्ञानी मनजिदर सिंह ने कथावाचन किया। ज्ञानी मनजिदर सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को गुरु जी के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। गुरु जी ने धर्म की रक्षा और अधर्म का विरोध किया। नारी सम्मान को विशेष महत्व दिया। हजूरी रागी हरमीत सिंह ने शबद कीर्तन से साध संगत को निहाल कर दिया। ज्ञानी हरजिदर सिंह ने गुरु गोविद सिंह के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला।

ये रहे मौजूद

गुरु गोविद सिंह प्रकाश पर्व के दौरान अर्जुन सिंह, जगजीत सिंह, रवि खन्ना, जगजीत सिंह, जीत सिंह, हरदीप सिंह, मनजीत सिंह, जसविद्र सिंह, संतोख सिंह, अमन सिंह, रणजीत सिंह, मनविद्र सिंह सहित काफी संख्या में साध संगत मौजूद रही।

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