उद्योगपतियों के दबाव में सरकार : सवित मलिक

किसान यूनियन की रविवार को कुड़ाना गांव में बैठक हुई और गन्ने के बकाये का भुगतान ब्याज समेत करने की मांग उठाई। कहा गया कि किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है और सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो भुगतान के लिए भी आंदोलन शुरू करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:32 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:32 PM (IST)
उद्योगपतियों के दबाव में सरकार : सवित मलिक
उद्योगपतियों के दबाव में सरकार : सवित मलिक

शामली, जागरण टीम। किसान यूनियन की रविवार को कुड़ाना गांव में बैठक हुई और गन्ने के बकाये का भुगतान ब्याज समेत करने की मांग उठाई। कहा गया कि किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है और सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो भुगतान के लिए भी आंदोलन शुरू करना होगा।

यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने कहा कि गन्ना एक्ट में 14 दिन में भुगतान और विलंब होने पर ब्याज देने का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में आदेश दिए हुए हैं, लेकिन सरकार उक्त का पालन भी नहीं करा रही है। सरकार उद्योगपतियों के दबाव में है और किसानों की समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। एक तरफ सरकार खुद को मजबूत दिखाती है, लेकिन हकीकत में सरकार कमजोर है। किसानों के सामने भुगतान न होने के कारण तमाम समस्याएं हैं। किसान कैसे बच्चों की स्कूल-कालेज की फीस जमा करें, कैसे बिजली बिल का भुगतान और अन्य घर खर्च करें। कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि भुगतान के लिए एक अलग आंदोलन शुरू करना होगा। अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव है और किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। बैठक में जयपाल सिंह, अमित निर्वाल, टीनू जावला, आकाश मलिक, संजीव लिलौन आदि मौजूद रहे। भाजपा के झांसे में नहीं आने वाले उपभोक्ता: सुधीर पंवार

जागरण संवाददाता, शामली : उत्तर प्रदेश में इस बार बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी। इस पर सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर सुधीर पंवार ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि किसान एवं गरीब उपभोक्ता भाजपा के झांसे में नहीं आने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने देश में किसानों, गरीबों से सबसे अधिक बिजली के दाम वसूले हैं। चुनाव सामने देखकर किसानों एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को दाम में कमी का झुनझुना देकर वोट लेने की तैयारी है। अब कोई भाजपा के झांसे में नहीं आने वाले हैं। सभी को मालूम है कि सस्ती दरों पर बिजली सिर्फ समाजवादी पार्टी की सरकार की दे सकती है। भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से हर वर्ग त्रस्त है।

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