शामली में एक नवंबर से मनेगा गंगा नदी उत्सव

जिले में आगामी एक नवंबर से तीन नवंबर तक तीन दिवसीय गंगा नदी उत्सव मनाया जाएगा। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने उत्सव के लिए अधिकारियों की बैठक में विशेष दिशा निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में गंगा व उसकी सहायक नदियों के किनारे एक-एक गांव को चिह्नित करते हुए गंगा उत्सव मनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:36 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:36 PM (IST)
शामली में एक नवंबर से मनेगा गंगा नदी उत्सव
शामली में एक नवंबर से मनेगा गंगा नदी उत्सव

शामली, जागरण टीम। जिले में आगामी एक नवंबर से तीन नवंबर तक तीन दिवसीय गंगा नदी उत्सव मनाया जाएगा। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने उत्सव के लिए अधिकारियों की बैठक में विशेष दिशा निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में गंगा व उसकी सहायक नदियों के किनारे एक-एक गांव को चिह्नित करते हुए गंगा उत्सव मनाया जाएगा।

मंगलवार को कलक्ट्रेट में डीएम ने जिला गंगा समिति की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी शंभूनाथ तिवारी ने बताया कि जनपद में विकास खंड-शामली, कांधला, थानाभवन एवं कैराना के तहत गंगा की सहायक नदी के किनारे एक-एक ग्राम चिह्नित करते हुए आगामी एक से तीन नवंबर तक गंगा नदी उत्सव मनाया जाएगा। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आयोजन स्थल की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराते हुए नदी उत्सव मनाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इसके तहत गंगा प्रदर्शनी का आयोजन एवं विभिन्न विभागों से संबंधित स्टाल लगाए जाएंगे। साथ ही यह भी बताया कि स्थानों पर 101 पौधे, श्रमदान एवं अन्य गतिविधियां संचालित की जाएंगी। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यक्रम का समापन सांय पांच बजे किया जाए ताकि गंगा एवं उसकी सहायक नदी की पूजा एवं दीप उत्सव मनाया जा सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शंभूनाथ तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी डा. विनय कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी प्रमोद कुमार आदि मौजूद रहे। शामली में अतिकुपोषित 808 बच्चों की सेहत में सुधार

जागरण संवाददाता, शामली : मंगलवार को जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जिला पोषण समिति की बैठक का आयोजन किया गया।

इसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष श्रीवास्वत ने बताया कि जनपद में अतिकुपोषित श्रेणी के चिह्नित 1237 बच्चों के सापेक्ष 808 बच्चों, कुपोषित श्रेणी के चिह्नित 3779 के सापेक्ष 2394 बच्चों में सुधार पाया गया। बैठक के दौरान अतिकुपोषित बच्चों की संख्या और उनके बैकग्राउंड रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण 76, बीमारी के कारण 121, समय से पूर्व पैदा होने के कारण 48, पहला बच्चा होने के बाद दूसरे बच्चे का जल्द जन्म होना 111, गर्भावस्था के समय गर्भवती महिला के खानपान व सही ढंग से देखरेख न करने के कारण 71 तथा जुड़वां बच्चे पैदा होने के कारण दो बच्चे सहित कुल 429 बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में पाए गए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि अतिकुपोषित बच्चों की जांच कराकर प्रभावी कदम उठाए। बैठक में डा. विनय कुमार सिंह जिला वन अधिकारी, प्रमोद कुमार जिला विकास अधिकारी, शैलेन व्यास उपायुक्त स्वत: रोजगार आदि मौजूद रहे।

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