15 से खरमास, एक माह को मांगलिक कार्याें पर लगेगा ब्रेक

शादियों का सीजन चल रहा है। हालांकि 15 दिसंबर से मांगलिक कार्याें पर एक माह का विराम लग जाएगा क्योंकि खरमास शुरू हो रहा है। इसमें मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 10:02 PM (IST)
15 से खरमास, एक माह को मांगलिक कार्याें पर लगेगा ब्रेक
15 से खरमास, एक माह को मांगलिक कार्याें पर लगेगा ब्रेक

शामली, जागरण टीम। शादियों का सीजन चल रहा है। हालांकि 15 दिसंबर से मांगलिक कार्याें पर एक माह का विराम लग जाएगा, क्योंकि खरमास शुरू हो रहा है। इसमें मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

20 जुलाई को देवशयनी एकादशी थी। इस दिन से चातुर्मास शुरू होता है और चार माह के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में सोने के लिए चले जाते हैं। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ, दीक्षा ग्रहण, यज्ञोपवीत आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। कार्तिक शुक्ल की एकादशी को भगवान विष्णु जागते हैं, जो 14 नवंबर को थी। यह अबूझ मुहूर्त होता है तो इस दिन बंपर शादियां हुई थी। इसके बाद भी लगातार शादियां हो रही हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित कमल शास्त्री ने बताया कि वाणीभूषण और राजधानी पंचांग के अनुसार 14 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी है। 15 दिसंबर को खरमास की संक्रांति है। ऐसे में इस दिन से मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे और 14 जनवरी को खरमास समाप्त होगा। इसके बाद जुलाई माह तक विवाह के अनेक शुभ मुहूर्त हैं। बताया कि देवशयनी एकादशी से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और खरमास दक्षिणायन रहने का अंतिम माह होता है। इसके बाद सूर्य उत्तरायण हो जाएगा। सूर्य ग्रहण चार को, सूतक काल मान्य नहीं

शामली : इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण चार दिसंबर को है, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा तो इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है। ज्योतिषाचार्य कमल शास्त्री ने बताया कि सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतककाल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और मूर्ति पूजन-स्पर्श आदि वर्जित होता है। हालांकि सूर्य ग्रहण यहां नहीं दिखेगा तो सूतक भी मान्य नहीं है। ग्रहण में दान करने की मान्यता है।

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