चार साल के अंश ने जीती कोरोना से जंग

दस वर्ष आयु तक के काफी बच्चे संक्रमित हुए लेकिन चार वर्षीय एक बच्चे की हालत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह जिले का पहला मामला था जब बच्चे को भर्ती करने की जरूरत पड़ी हो। खैर बच्चे ने कोरोना से जंग जीत ली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 11:10 PM (IST)
चार साल के अंश ने जीती कोरोना से जंग
चार साल के अंश ने जीती कोरोना से जंग

शामली, जागरण टीम। दस वर्ष आयु तक के काफी बच्चे संक्रमित हुए, लेकिन चार वर्षीय एक बच्चे की हालत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह जिले का पहला मामला था, जब बच्चे को भर्ती करने की जरूरत पड़ी हो। खैर, बच्चे ने कोरोना से जंग जीत ली है।

कुछ दिन पहले कुड़ाना गांव निवासी चार वर्षीय अंश की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। घर में आइसोलेट होने के दौरान बुखार तो था ही, लेकिन सांस लेने में दिक्कत शुरू हो गई और शरीर में रैशेज भी पड़ गए थे। स्वजनों ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. संजय अग्रवाल ने कैरान रोड स्थित ग्लोबल शांतिकेयर अस्पताल में भर्ती 17 मई को भर्ती कराया। अस्पताल के संचालक कुशांक चौहान ने बताया कि बच्चे का आक्सीजन स्तर 90 से कम था। फिजिशियन डा. इकबाल अहमद और डा. बाबर ने उपचार किया। आइएमए शामली के अध्यक्ष एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. अकबर खान भी बच्चे को देखने के लिए आए थे। अहम बात यह भी है कि आयुष्मान योजना के तहत उपचार पूरी तरह निश्शुल्क हुआ है, क्योंकि योजना के पैनल में अस्पताल शामिल है। शनिवार को बच्चे को घर भेज दिया गया है। सीएमओ ने बताया कि काफी बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं। लेकिन कोई अब तक तबीयत बिगड़ने के कारण भर्ती नहीं रहा। हालांकि सही समय पर बच्चे का उपचार शुरू करा दिया गया था और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

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दिल्ली निवासी मरीज हुए स्वस्थ

शामली: दिल्ली के अस्पतालों में बेड व आक्सीजन मिलना मुश्किल था। ऐसे में लक्ष्मीनगर (दिल्ली) निवासी ब्रजमोहन सक्सेना 28 अप्रैल को शामली के कोविड अस्पताल में भर्ती हुए थे। तब उनकी हालत थोड़ी गंभीर थी। अब ठीक हैं और 22 दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। जिला संयुक्त अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सफल कुमार ने बताया कि ऐसे कईं मरीज यहां भर्ती रहे, जो दिल्ली और दूसरे जिलों से आए। उपलब्ध संसाधनों से मरीजों को बेहतर उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है।

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