युवकों की मौत के बाद बंद रहे बाजार, नहीं जले चूल्हे

बनत क्षेत्र के चार युवकों के दुर्घटना में मरने की खबर से कस्बे में गम का माहौल रहा। बाजार बंद रहे। लोगों ने मृतकों के घर जाकर उन्हें ढाढ़स बंधाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Jun 2019 11:51 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 06:26 AM (IST)
युवकों की मौत के बाद बंद रहे बाजार, नहीं जले चूल्हे
युवकों की मौत के बाद बंद रहे बाजार, नहीं जले चूल्हे

शामली, जेएनएन। बनत क्षेत्र के चार युवकों के दुर्घटना में मरने की खबर से कस्बे में गम का माहौल रहा। बाजार बंद रहे। लोगों ने मृतकों के घर जाकर उन्हें ढाढ़स बंधाया। कस्बे में एक साथ चार मौत से हर कोई गमजदा दिखा। अनेक घरों में चूल्हे नहीं जले।

व्यापारियों ने जताया शोक

बंद रहे बाजार

कस्बे में चार युवकों की मौत के बाद व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। व्यापारियों ने शोक सभा कर दिवंगतों की आत्मा शांति की प्रार्थना की।

चारों युवकों में थी दोस्ती

कस्बा बनत निवासी फिरोज, सोनू, मोईन व रिहान में अच्छी दोस्ती थी। फिरोज व सोनू दोनों सगे भाइयों ने सिरसा में कपड़े के काम शुरु किया था। मोईन व रिहान उनके साथ कपड़े का कार्य करते थे। चारों एक साथ ही ईद की छुट्टी में साथ घर आए थे। गुरुवार की सुबह 3 बजे चारों युवक सिरसा के लिए निकल गए।

इनोवा कार चालक को थी

सिरसा पहुंचने की जल्दी

कस्बावासियों का कहना है कि फिरोज, सोनू, मोईन व रिहान सिरसा से ही इनोवा कार बुक करके लाए थे। सुबह के समय इनोवा कार के चालक ने सिरसा पहुंचने के जल्दबाजी शुरू कर दी। कस्बा वासियों ने बताया कि फिरोज व सोनू ने कार चालक को सुबह के समय सिरसा चलने को कहा, चालक ने सुबह तक रुकने के अधिक पैसे मांगे। इसके बाद सुबह 3 बजे ही चारों युवक अपने ओर साथियों को लेकर सिरसा के लिए निकल गए। सुबह 5 बजकर 30 मिनट के दौरान उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

मातम ने ईद की खुशियों

को किया फीका

हादसे में कस्बे के चार युवकों की मौत ने एक दिन पहले मनाई गई ईद की खुशियों को पल भर में फीका कर दिया।

साथ उठे चार जनाजे

जार -जार रोया बनत

गुरुवार का दिन कस्बा बनत के लिए काला साबित हुआ। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही चारों युवकों के शव कस्बे में पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए सैकड़ों भीड़ उमड़ पड़ी। नमाज के बाद चारों युवकों के शव सुपुर्द ए खाक किये गये। चारों युवकों के शवों को देखकर हर कस्बावासी जार-जार रोया।

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