नकद भुगतान को कोल्हू पर गन्ना बेच रहे किसान

जेएनएन शामली भुगतान की समस्या बनी हुई और गन्ने का भाव कोल्हुओं पर कुछ बढ़ा है। नकद भुगतान के लिए काफी किसान कोल्हू पर गन्ना बेच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:06 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:06 PM (IST)
नकद भुगतान को कोल्हू पर गन्ना बेच रहे किसान
नकद भुगतान को कोल्हू पर गन्ना बेच रहे किसान

जेएनएन, शामली : भुगतान की समस्या बनी हुई और गन्ने का भाव कोल्हुओं पर कुछ बढ़ा है। नकद भुगतान के लिए काफी किसान कोल्हू पर गन्ना बेच रहे हैं।

दरअसल, सरकार ने इस बार भी गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया है। नवंबर में चीनी मिल चालू हुई थी, लेकिन अभी तक भुगतान बेहद कम हुआ है।

राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) अगेती प्रजाति का 325, सामान्य प्रजाति का 315, अनुपुयक्त प्रजाति का 310 रुपये प्रतिकुंतल है। कोल्हू पर दो सप्ताह पहले तक 230 से 250 रुपये प्रतिकुंतल मिल रहे थे। लेकिन अब भाव 250 से 290 रुपये तक का है। हालांकि कोल्हू संचालक जरूरत के मुताबिक ही गन्ना लेते हैं। साथ ही किसान भी इसी हिसाब से कोल्हु पर गन्ना बेचते हैं, जिससे अगले सत्र में बेसिक कोटा कम न हो। क्योंकि अगर सहकारी गन्ना विकास समिति जारी पर्ची और उक्त पर्ची पर गन्ना डालने का ब्योरा रखती हैं।

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पर्चियों की समस्या नहीं

इस बार पर्चियों की समस्या शुरू में ही रही, लेकिन बहुत अधिक नहीं थी। ऐसे में किसानों को मिल में गन्ना डालने में दिक्कत नहीं हुई। तभी पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक गन्ने की पेराई हो चुकी है।

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गुड़ के दाम हैं कम

कोल्हू संचालक राहुल शर्मा ने बताया कि अब खेतों में गन्ना बहुत अधिक नहीं बचा है। ऐसे में कोल्हू पर भी गन्ने का भाव बढ़ गया है। रिकवरी भी अच्छी है, क्योंकि गन्ना पूरा पका हुआ है। एक कुंतल गन्ने में 11 से 12 किलो गुड़ तैयार हो रहा है। लेकिन मंडी में गुड़ का भाव कम ही है। ऐसे में कोल्हू संचालकों को मुनाफा नहीं है। कम रेट पर किसान गन्ना नहीं लाते हैं तो इसलिए दाम बढ़ाने पड़े हैं। गुड़ व्यापारी राजेश संगल ने बताया कि मंडी में गुड़ का भाव 2500 से 2700 रुपये कुंतल का है।

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किसान बोले, मजबूरी है

कुड़ाना गांव निवासी गौरव शर्मा ने बताया कि कोल्हू के मुकाबले चीनी मिल का भाव अधिक है। लेकिन भुगतान की समस्या रहती है। आठ से नौ माह बाद भुगतान होता है। नवंबर से अब तक जो गन्ना डाला है, उसका एक रुपया भी नहीं मिला है। घर खर्च चलाने के लिए कोल्हू पर गन्ना बेचना पड़ता है। काबड़ौत गांव निवासी अनिल ने बताया कि भुगतान की समस्या तो यूं ही बनी रहनी है। ऐसे में किसान परेशान है।

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